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उपराष्ट्रपति नायडू बोले- बीफ खाना है तो खाओ, फेस्टिवल मनाने की क्या जरूरत

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बीफ या किस फेस्टिवल मनाने के औचित्य पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, 'अगर आपको बीफ खाना है तो खाइए, लेकिन इसके लिए फेस्टिवल के आयोजन की क्या जरूरत है! इसी तरह किस फेस्टिवल भी है. अगर आपको किस करना है तो कीजिए, इसके लिए फेस्टिवल आयोजित करने या किसी की इजाजत लेने की क्या जरूरत है?'

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वेंकैया नायडू
वेंकैया नायडू

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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बीफ या किस फेस्टिवल मनाने के औचित्य पर सवाल खड़ा किया है. नायडू ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा है कि अगर आपको बीफ खाना है तो खाइए, लेकिन इसके लिए फेस्टिवल के आयोजन की क्या जरूरत है!

उपराष्ट्रपति ने कहा, 'इसी तरह किस फेस्टिवल भी है. अगर आपको किस करना है तो कीजिए, इसके लिए फेस्टिवल आयोजित करने या किसी की इजाजत लेने की क्या जरूरत है?'

नायडू ने आगे कहा, 'इसी तरह अफजल गुरु का भी मामला है. लोग उसका नाम जपते रहते हैं. ये क्या हो रहा है? उसने हमारी संसद को उड़ाने की कोशिश की थी.'

You want to eat Beef, eat. Why Festival? Similarly a Kiss Festival, if you wish to Kiss why you need a festival or anyone's permission. Then you have Afzal Guru. People chanting his name. What is happening? He tried to explode our parliament: VP Venkaiah Naidu pic.twitter.com/m9ggvoYZQA

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आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी उपराष्ट्रपति अपने एक बयान को लेकर खबरों में आए थे. तब उन्होंने नौकरियों को लेकर नीति आयोग और सीआईआई के कार्यक्रम में सवाल किया था कि क्या इस देश में हर किसी को नौकरी दी जा सकती है? नायडू ने कहा कि हर किसी को नौकरी नहीं दी जा सकती लेकिन चुनाव के दौरान हर सरकारें ऐसा वायदा करती हैं. अगर सरकारें ऐसा वादा ना करें तो जनता उन्हें वोट नहीं देगी.

नायडू ने कहा था कि जो काम किसी पर भी निर्भर है, वह अपने आप में एक काम है और इसलिए पकौड़ा बनाना भी एक काम है . आपको बता दें कि उस समय पकौड़ा विवाद जोरों पर था. पीएम नरेंद्र मोदी ने रोजगार के सवाल पर एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि सड़क किनारे पकौड़े बनाने वालों को भी असंगठित रोजगार सृजन में शामिल किया जा सकता है.

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