विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख और वरिष्ठ आरएसएस नेता अशोक सिंघल का कहना है कि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत से मुस्लिम राजनीति करने वालों को गहरा धक्का लगा है. बीजेपी की जीत ने मुसलमानों को हिंदुओं की भावनाओं की इज्जत करना सिखाया है और यह साबित हो गया कि मुसलमानों के साथ के बिना भी चुनाव जीता जा सकता है.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में सिंघल ने नरेंद्र मोदी को आदर्श स्वयंसेवक बताते हुए कहा कि मोदी पिछली एनडीए सरकार से इतर हिंदुत्व के मुद्दे पर काम करेंगे. सिंघल ने कहा, 'देश के मुसलमानों को अयोध्या, काशी और मथुरा पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए और यूनिफॉर्म सिविल कोड स्वीकार कर लेना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो हम उन्हें प्यार देंगे और किसी अन्य मस्जिद पर दावा नहीं करेंगे, जबकि हजारों मस्जिद मंदिरों को तोड़कर बनाए गए हैं.'
सिंघल ने कहा कि अगर मुसलमान इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो उन्हें हिंदुओं की एकजुटता का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. 88 वर्षीय सिंघल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी की बहुमत के साथ जीत ने मुस्लिम राजनीति करने वालों और उन विदेशी ताकतों को गहरा धक्का पहुंचाया है जो देश की पहचान को तबाह करना चाहते हैं.