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माया को फांसी पर VHP मोदी के खिलाफ

गुजरात के विश्व हिन्दू परिषद नेतृत्व ने राज्य सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें 2002 के नरोडा पाटिया नरसंहार मामले में पूर्व राज्य मंत्री माया कोडनानी एवं नौ अन्य के लिए फांसी की सजा देने का अनुरोध किया जायेगा.

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गुजरात के विश्व हिन्दू परिषद नेतृत्व ने राज्य सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें 2002 के नरोडा पाटिया नरसंहार मामले में पूर्व राज्य मंत्री माया कोडनानी एवं नौ अन्य के लिए फांसी की सजा देने का अनुरोध किया जायेगा.

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गुजरात विहिप के महासचिव रणछोड़ भरवाड़ ने संवाददाताओं को बताया, ‘विहिप गुजरात सरकार के उस कथित निर्णय की कठोरता से भर्त्सना करती है जिसमें नरोडा मामले में माया कोडनानी, बाबू बजरंगी और अन्य हिन्दुओं को मृत्युदंड देने के लिए कहा जायेगा.’

इस निर्णय को ‘स्तब्ध करने वाला’ और ‘हिन्दुओं के लिए प्रहार’ करार देते हुए भारवाड़ ने मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है. हाल में गुजरात राज्य कानूनी विभाग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) की उस सिफारिश को हाल में मंजूरी प्रदान की जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय में अपील दायर करने को कहा गया है.

इस अपील के तहत पूर्व मंत्री माया कोडनानी एवं बजरंग दल नेता बाबू बजरंगी सहित 10 दोषियों की सजा बढ़ाने को कहा जायेगा. इसने यह भी निर्णय किया कि 22 अन्य दोषियों की सजा को बढ़ाकर 30 साल करने की मांग की जायेगी. संबद्ध न्यायाधीश ज्योत्सना यागनिक ने 31 अगस्त 2012 को इन लोगों को 24 साल की सजा सुनायी थी. तीन वकीलों का एक अभियोजन पैनल तैयार किया गया है.

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यह पैनल अपील का मसौदा तैयार करेगा और जिरह करेगा. यह संबद्ध अदालत द्वारा बरी किये गये सात आरोपियों को दोषी साबित कराने का भी प्रयास करेगा. उन्होंने कहा, ‘हम अपने देश में हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि हर जगह उन पर हमला हो रहा है या वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. गुजरात में हिन्दू अन्याय का शिकार हो रहे हैं क्योंकि वे सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं.’

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