भोपाल सेंट्रल जेल से फरार सिमी के 8 आतंकियों के एनकाउंटर के बाद सियासत शुरू हो गई है. तमाम विपक्षी पार्टियों ने न्यायिक जांच की मांग की है. वहीं एनकाउंटर का वीडियो सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार फंसती नजर आ रही है. वीडियो में गोली मारते और जेब से चाकू निकालने की तस्वीर दिख रही है, जिसके बाद आनन-फानन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने जेल के पांच अफसरों को निलंबित कर दिया और जेल के अतिरिक्त महानिदेशक को पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया. इससे पहले मुख्यमंत्री ने आठों आतंकवादियों को मार गिराने की पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और आतंकवादियों के फरार होने की घटना को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि इस मसले पर मेरी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात हुई.
एनकाउंटर के बारे में पुलिस का खुलासा
भोपाल के आईजी योगेश चौधरी ने कहा कि एनकाउंटर से जुड़े हर पहलू की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि एनकाउंटर के बाद आतंकियों के पास से 3 चाकू और 2 देसी कट्टे बरामद हुए हैं, साथ मौके से लकड़ी और प्लास्टिक की बनी चाबी मिले हैं. उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में मारे गए सभी आतंकी जेल के अलग-अलग बैरक में बंद थे फिर एक साथ कैसे भागे इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि आतंकियों ने जेल में मिली चादरों की रस्सी बनाई, उसी के सहारे वे दीवार फांद गए. ये घटना रात करीब 2 से 3 बजे के बीच की है. आतंकियों ने जेल से फरार होने के लिए हेड कॉन्टेबल रमाशंकर की हत्या के लिए गिलास और स्टील की प्लेट को हथियार बनाया था.
आईजी ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ ये पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स और हॉक फोर्स की संयुक्त कार्रवाई थी. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने पुलिस पर फायरिंग की और भागने की कोशिश की. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें आठों आतंकवादी मारे गए. पुलिस ने बताया कि आतंकियों के पास हथियार भी थे. आतंकियों को नदी में पानी पीते देखा गया, जिसके बारे में गांव वालों ने पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. मारे गए आतंकवादियों के नाम अमजद, अकील, जाकिर, शेख महबूब, सलीक, खालिद, शेख मुजीब और माजिद बताए जा रहे हैं.
एनकाउंडर से पहले का वीडियो
एनकाउंटर पर सवाल के बीच कई वीडियो सामने आए हैं, कुछ वीडियो में पुलिस के दावों पर सवाल खड़े कर रहा है. सभी 8 आतंकियों के एनकाउंटर से पहले का वीडियो 'आज तक' को हाथ लगा है. लेकिन 'आज तक' ये पुष्टि नहीं करता है ये वीडियो एनकाउंटर से पहले का है.
एनकाउंटर का EXCLUSIVE वीडियो
घटना का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस के सामने जेल से फरार आतंकियों को पकड़ने या मारने की प्राथमिकता थी. मुठभेड़ में गोली चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. उन्होंने कहा कि ये आतंकी पहले भी जेल से भागे थे, ऐसे में ये देश के लिए बड़ा खतरा हो सकते थे. उन्होंने राज्य पुलिस को बधाई भी दी.
एनकाउंटर के तुरंत बाद का वीडियो
ये वीडियो एनकाउंटर के तुरंत बाद के होने का दावा किया जा रहा है. यानी सिमी के आतंकियों के मारे जाने के बाद इस वीडियो को शूट किया गया. वीडियो में दिख रहा है कि खुले मैदान में 8 आतंकियों की लाश पड़ी है. दावा ये कि इन्हें अभी-अभी ढेर किया गया. एनकाउंटर में शामिल जवान इनकी तलाशी ले रहे हैं. आप भी वीडियो में देखिए एनकाउंटर के बाद वहां कैसी हलचल मची थी.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
एनकाउंटर मामले पर कांग्रेसी नेताओं ने सवाल उठाए हैं. सीनियर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि सिमी कार्यकर्ता अत्यंत सुरक्षा वाली जेल से भाग गए और कुछ घंटे के अंदर उन्हें न केवल खोज लिया गया बल्कि एनकाउंटर दिया गया. अब उनसे पूछताछ नहीं की जा सकती, कोई सबूत नहीं है, उनके बयान रिकॉर्ड नहीं किए जा सकते. उन्होंने कहा, 'मैं न्यायिक जांच की मांग कर रहा हूं. सरकार को भी पता चलना चाहिए कि वे किन परिस्थितियों में भागे.' साथ ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी जांच की मांग की है, दिग्विजय एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकी जेल से भागे या भगाए गए?
ओवैसी ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी सदस्यों के भागने और बाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और पुलिस के बयान किसी भी तर्कसंगत शख्स के गले नहीं उतर सकते. ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इसपर जांच बिठानी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जेल से फरार कैदी अच्छी तरह से कपड़े पहने कैसे हो सकते हैं? उनके पास तो हथियार भी नहीं थे, वो सिर्फ कुछ धातु की चीजें लिए हुए थे जो हथियार जैसी नहीं हो सकती हैं. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने पूरी घटना को बेहद चौंकाने वाला बताया.
वाम दलों ने भी जांच की मांग की
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को कथित तौर पर पुलिस मुठभेड़ में आठ सिमी आतंकवादियों की हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है. माकपा की पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने कहा कि सरकार की ओर से दिया गया बयान संदिग्ध है और अपने ही पूर्व बयानों से विरोधाभासी है. बृंदा ने कहा, 'मारे गए सभी आतंकवादियों के खिलाफ अभी अदालत में मामला चल ही रहा था और उन्हें सिमी का आतंकवादी कहना और इस तरह मार देना कानून का उल्लंघन है.'
केजरीवाल भी पीछे नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मुठभेड़ की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में कराए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है. इसको लेकर केजरीवाल ने ट्वीट कर सवाल उठाया. वहीं AAP विधायक अलका लांबा ने भी मध्य प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया.
सरकार का पलटवार
शिवराज सरकार के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मुठभेड़ पर शक जाहिर करने वालों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि तारीफ नहीं तो कम से कम आलोचना तो ना करें. मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि जेल में कैद ये आतंकी फरार होने के बाद एनकाउंटर में ढेर कर दिए गए. लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार को एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों के जवाब भी देने पड़ेंगे. उम्मीद है जांच में हर बात साफ होगी. लेकिन इन आतंकियों के जेल से निकलने की कहानी भी बेहद चौंकाने वाली है.
गौरतलब है कि इससे पहले 2013 में प्रदेश के ही खंडवा की एक जेल से इस संगठन के सात सदस्य भागने में कामयाब रहे थे. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश सरकार से इस घटना के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है जिससे यह पता चल सके कि क्या जेल प्रशासन की ओर से कोई चूक हुई या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं.