प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व अध्यक्ष चंदा कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के घरों और दफ्तरों पर छापामार कार्रवाई की. अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मुंबई में कम से कम पांच दफ्तरों और आवासीय परिसर समेत कुछ और जगहों पर छापे मारे जा रहे हैं.
एजेंसी ने एक बयान में कहा, 'आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व अध्यक्ष चंदा कोचर के खिलाफ मुंबई और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के औरंगाबाद स्थित कैम्पस में प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत सर्च जारी है.'
Enforcement Directorate is conducting searches under PMLA at the premises of former Chairman ICICI Bank Chanda Kochhar and Venugopal Dhoot of Videocon Group in Mumbai and Aurangabad respectively. pic.twitter.com/ehZ83rTzAH
— ANI (@ANI) March 1, 2019
ईडी ने इस महीने की शुरुआत में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई द्वारा कार्पोरेट ग्रुप को 1,875 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी देने के मामले में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज कियाथा.
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम, पुलिस की मदद से मामले में और ज्यादा सबूतों की तलाश कर रही है और छापे शुक्रवार सुबह शुरू किए गए. पिछले महीने इस मामले में सीबीआई के शिकायत दर्ज करने के बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था.
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम, पुलिस की मदद से मामले में और ज्यादा सबूतों की तलाश कर रही है और छापे शुक्रवार सुबह शुरू किए गए. पिछले महीने इस मामले में सीबीआई के शिकायत दर्ज करने के बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था.
साथ ही मामले में तीनों आरोपियों चंदा कोचर, उनके पति दीपक और वीडियोकॉन ग्रुप के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ फरवरी में ही लुक आउट नोटिस जारी किया है. बैंक अफारों के मुताबकि लुकआउट नोटिस इसलिए जारी किया गया है ताकि आरोपी लोग देश छोड़कर बाहर न भागें.
इससे पहले जनवरी महीने में चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही जस्टिस बी.एन. श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि वीडियोकॉन को कर्ज देने के मामले में कोचर ने बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया है. कोचर की इजाजत पर इस कर्ज का कुछ हिस्सा उनके पति दीपक की मालिकाना हक वाली कंपनी को दिया गया.
जांच की रिपोर्ट आने के बाद बैंक बोर्ड के निदेशकों ने आईसीआईसीआई से कोचर के अलग होने को बैंक की नीतियों के तहत उन्हें 'कंपनी से हटाया जाना' माना है. इस कार्रवाई के तहत कोचर के मौजूदा और आगे के सभी दी जाने वाली राशि, बोनस, इंक्रीमेंट और स्टॉक से वंचित कर दिया गया.
वहीं, बैंक का फैसला आने के बाद चंदा कोचर ने अपने ऊपर लगे सभी अारोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा, 'मैं फैसले से काफी निराश और हैरान हूं. मुझे रिपोर्ट की कोई कॉपी भी नहीं दी गई. मैं दोहराना चाहती हूं कि कर्ज देने का कोई भी फैसला एकतरफा नहीं है.'