भारत के बैंकों से करोड़ों का कर्ज लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए लंदन के एक कोर्ट के बाहर कहा कि वो देश छोड़ने से वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था. माल्या ने कहा कि उनसे मिलकर मामले को सुलझाना चाहता था लेकिन बैंकों की आपत्ति के वजह से मामला सुलझ नहीं सका.
विजय माल्या ने कोर्ट के बाहर मीडिया को बताया कि मुझे दोनों बड़ी पार्टियों ने राजनीतिक फुटबॉल बना दिया और बाद में मुझे बलि का बकरा बनाया गया. उसने बताया कि जेनेवा में एक मीटिंग में शामिल होने की वजह से मैं देश से बाहर आया था.
#WATCH: Vijay Mallya outside London Court clarifies on his statement that he met Finance Minister before leaving from the country, says "I happened to meet Mr Jaitley in Parliament & told him that I am leaving for London... I did not have any formal meetings scheduled with him." pic.twitter.com/U0ZnbKXrnM
— ANI (@ANI) September 12, 2018
हालांकि बाद में माल्या ने कहा कि उसने जेटली से औपचारिक मुलाकात नहीं की थी, बल्कि मीडिया ने उनके बयान को लेकर विवाद पैदा कर दिया. माल्या ने कोर्ट से बाहर आकर कहा कि मैं सिर्फ यह बता रहा था कि किस तरह भारत से बाहर आया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने माल्या पर फैसले के लिए 10 दिसंबर की तारीख तय की है.
विजय माल्या के इस ताजा बयान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, देश छोड़ने से पहले नीरव मोदी की प्रधानमंत्री से मीटिंग और माल्या की वित्त मंत्री अरुण जेटली से मीटिंग से क्या साबित होता है, यह लोग जानना चाहते हैं.
PM Modi meets Neerav Modi before he flees the country. FM meets Vijay Mallya before he flees India. What transpired in these meetings? People want to know.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 12, 2018
बयान से चर्चा में स्वामी का ट्वीट
विजय माल्या के बयान के बाद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का एक तीन महीने पुराना ट्वीट चर्चा में आ गया है. इस ट्वीट को अरविंद केजरीवाल समेत कई लोगों ने ट्वीट किया है जिसे 12 जून को शेयर किया गया था. इसमें स्वामी ने लिखा है, माल्या देश नहीं छोड़ सकता क्योंकि हवाई अड्डों पर उसके खिलाफ कड़ा लुक आउट नोटिस जारी हो चुका था. इसके बाद वो दिल्ली आया और उसने किसी प्रभावी शख्स से मुलाकात की जो विदेश जाने से रोकने वाले उस नोटिस को बदल सकता था. वो शख्स कौन ने जिसने नोटिस को कमजोर किया?
Mallya could not escape from India because of a strong Look Out Notice for him at airports. He then came to Delhi and met someone who was powerful enough to change the Notice from blocking his departure to just reporting his departure. Who was that person who dilute this LON?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 12, 2018
जेटली ने मुलाकात पर दी सफाई
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या से मुलाकात पर इंडिया टुडे को सफाई देते हुए कहा कि मेरी ओर से उन्हें मुलाकात के लिए वक्त नहीं दिया गया. हालांकि संसद परिसर में उन्होंने मुझसे बात कर मामले को सुलझाना का ऑफर दिया था. माल्या ने सांसद होने के विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल किया. जेटली ने कहा कि मैंने उनके ऑफर को ठुकराते हुए कहा कि इस बारे में कोई बातचीत नहीं हो सकती और मैंने उनसे कोई भी दस्तावेज नहीं लिए, जो वह अपने साथ लेकर आए थे.
सरकार ने भी किया इनकार
इससे पहले सरकार के सूत्रों ने माल्या से किसी भी मंत्री की मुलाकात की बात को खारिज किया. सरकार की ओर कहा गया है कि देश छोड़ने से पहले विजय माल्या ने प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त मांगा था लेकिन व्यस्त कार्यक्रम की वजह से समय नहीं दिया गया. साथ ही संसद के कॉरिडोर में एक बार माल्या ने जेटली से मुलाकात की कोशिश की थी.
कोर्ट में पेश हुआ माल्या
बुधवार को माल्या लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट में उनकी पेशी प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई को लेकर हुई. सुनवाई में जजों ने भारत के अधिकारियों की ओर से मुंबई की आर्थर रोड जेल में माल्या के लिए की गई तैयारी का वीडियो देखा और समीक्षा की. वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जजों ने बैरक का तीन बार वीडियो देखा.
सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने अदालत में कहा कि 'किंगफिशर को आर्थिक तौर पर एक कामयाब कंपनी मानते हुए कर्ज लिया गया था. वकील ने किंगफिशर की घटना को साधारण और ईमानदार कारोबारी नाकामी बताते हुए दावा किया कि माल्या ने जो कुछ भी किया वह ब्रिटेन में आपराधिक कृत्य नहीं माना जाता.'
माल्या के वकील ने यह दरख्वास्त करते हुए कहा कि बैरक का वीडियो कोर्ट में न दिखाया जाए. उसने अदालत से कहा कि किंगफिशर की प्रतिस्पर्धी कंपनियां भी वैश्विक मंदी के चलते घाटे में हैं.
इससे पहले अदालत में दाखिल होते हुए माल्या ने पत्रकारों से कहा कि 'मैंने मामले के पूरी तरीके से सेटलमेंट के लिए कर्नाटक कोर्ट में अपील की है और मुझे उम्मीद है कि माननीय जज इसको ध्यान में रखते हुए मेरे पक्ष में फैसला सुनाएंगे. सभी का हिसाब चुकता कर दूंगा और मुझे लगता है यही मुख्य मकसद है.'