शराब कारोबारी और बैंक डिफॉल्टर विजय माल्या को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. इंडिया टुडे को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी में पता चला है कि माल्या ने बैंक लोन का गलत इस्तेमाल किया. वहीं, माल्या को भारत लाने के मामले पर आज ब्रिटेन की अदालत में सुनवाई होनी है.
यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के सर्वर से मिले ई-मेल से खुलासा हुआ है कि माल्या और उनके सहयोगियों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लिया गया पैसा अपनी आईपीएल टीम और दूसरे कामोें पर खर्च किया. ई-मेल से पता चला है कि एसबीआई अधिकारियों ने विजय माल्या को लोन का दुरुपयोग न करने का विरोध किया था. बैंक के विरोध के बावजूद माल्या और उनके करीबियों ने लोन के पैसे का इस्तेमाल आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दूसरी जगह किया.
दरअसल, विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के दिवालिया होने के बाद विजय माल्या ने एसबीआई से लोन लिया. बैंक ने अप्रैल, 2008 में किंगफिशर एयरलाइंस के लिए 500 करोड़ का लोन पास कर दिया.
इसी साल विजय माल्या ने आईपीएल में बाजी खेली. माल्या ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के नाम से अपनी टीम बनाई और इस टीम पर 476 करोड़ रुपये खर्च किया. इससे कुछ दिन पहले ही माल्या ने आर्थिक हालात खराब होने के बावजूद डेक्कन एयरलाइंस के शेयर खरीदे और उस पर अधिग्रहण कर लिया. बताया जा रहा है कि माल्या ने किंगफिशर की हालत सुधारने के नाम पर जो लोन लिया, उसका इस्तेमाल आईपीएल टीम के लिए किया. जिसके चलते किंगफिशर एयरलाइंस पर आर्थिक संकट आया और कंपनी दिवालिया हो गई.
- 30 अप्रैल, 2009 और 4 मई, 2009 को किंगफिशर एयरलाइंस ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 15.9 करोड़ देने की कोशिश की.बैंक ने ये कहते हुए चेक कैंसल किया कि लोन का उपयोग सिर्फ किंगफिशर एयरलाइंस के लिए किया जा सकता है, आईपीएल टीम के लिए नहीं.
विजय माल्या और उनके चीफ फायनेंशियल ऑफिसर ए. रघुनाथन के बीच 2009 में मेल पर हुई बातचीत से ये खुलासा होता है कि कैसे किंगफिशर एयरलाइंस के जरिए बैंक लोन का पैसा आईपीएल प्रोजेक्ट में लगाने की कोशिश की गई.
मेल में क्या लिखा?
5 मई, 2009 को CFO रघुनाथन ने अपने बॉस( जिन्हें वो VJM कहकर संबोधित करता था) को एक मेल लिखा.
रघुनाथन ने लिखा, ''हमने 77 चेक के साथ 15.90 करोड़ का एक चेक रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स लिमिटेड को भी दिया है. एसबीआई ने 10 करोड़ रुपये के 76 चेक क्लियर कर दिए हैं, जबकि रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स लिमिटेड को दिया गया चेक क्लियर करने से बैंक ने मना कर दिया.''
अपने इस ई-मेल में रघुनाथन ने बैंक अधिकारियों की शिकायत भी की. रघुनाथन ने लिखा, ''एसबीआई अधिकारियों ने कहा है कि किंगफिशर एयरलाइंस आईपीएल में क्यों पैसा खर्च कर रही है, जबकि एयरलाइंस पहले से ही बड़े घाटे में है. तमाम कोशिशों के बावजूद बैंक ने कहा है कि वो सिर्फ एयरलाइंस से जुड़ी कंपनियों और लोगों को ही लोन का पेमेंट करेंगे.''
इतना लिखने के बाद रघुनाथन ने अपने बॉस से इस समस्या का हल निकालने का भी वादा किया. रघुनाथन ने अपने ई-मेल में आगे लिखा, ''एसबीआई की जिस ब्रांच ने किंगफिशर एयरलाइंस को लोन दिया है, मैं कल उसके मैनेजर से बेंगलुरू में मिल रहा हूं. कल मैनेजर से मिलकर 15.90 करोड़ के पेमेंट का मामला सुलझा लिया जाएगा.''
इसके बाद समस्या का हल तलाशने की प्रक्रिया शुरू हुई. सूत्रों के मुताबिक, 2 मई, 2009 को किंगफिशर एयरलाइंस के करंट अकाउंट से UCO बैंक में 26 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इसके बाद UCO बैंक ने अलग-अलग बैंकों में 24.30 करोड़ ट्रांसफर किए. इस पैसे से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद एयरपोर्ट पर पेमेंट किया गया.
5 मई, 2009: किंगफिशर एयरलाइंस ने एसबीआई से अपने UCO बैंक अकाउंट में 24.30 करोड़ ट्रांसफर करने के लिए कहा.
7 मई, 2009: UCO ने किंगफिशर एयरलाइंस के Deutsche Bank के करंट अकाउंट में 16 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
10 मई, 2009: Deutsche Bank ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के एसबीआई अकाउंट में 15.9 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
अलग-अलग बैंकों के जरिए आईपीएल टीम को पैसा भेजने की इस प्रक्रिया के बीच किंगफिशर एयरलाइंस के CFO ए रघुनाथन ने विजय माल्या को एक और मेल लिखा.
7 मई, 2009: रघुनाथन ने मेल में लिखा, '' जैसा कि मैंने 5 मई के मेल में जिक्र किया था, हमने एसबीआई से मनी ट्रांसफर का रास्ता निकाल लिया है. मुझे उम्मीद है कल पैसा आ जाएगा.''
इस तरह किंगफिशर एयरलाइंस को मिला पैसा आईपीएल टीम तक पहुंचाने के लिए बड़े प्लान के साथ खेल खेला गया.
प्रत्यर्पण पर आज कोर्ट में सुनवाई
इस बीच मंगलवार को ब्रिटेन की एक कोर्ट में विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण पर सुनवाई होनी है. क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस(CPS) वेस्टमिंस्टर कोर्ट में भारत की तरफ से जिरह करेगा. हाल ही में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने लंदन जाकर CPS के वकीलों से मिले थे. सुबह 10.30 बजे इस केस पर सुनवाई होनी है.
बता दें कि विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेने का आरोप है. कर्ज न लौटाने पर माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित किया है. माल्या 2016 से ब्रिटेन में हैं.