ब्रिटेन की सरकार ने भारतीय बैंकों का पैसा विदेश लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है. किंगफिशर एयरलाइन के 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज के लिए भारत को माल्या की तलाश है. ब्रिटेन के गृहमंत्री साजिद जाविद ने सोमवार को माल्या को भारत भेजने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसकी इजाजत लंदन की एक अदालत ने पहले ही दे दी थी. अब माल्या को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है.
माल्या की प्रत्यर्पण मंजूरी पर वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने आजतक से बातचीत में कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि हम किसी भी भगोड़े को छोड़ने वाले नहीं हैं. वे खुद भी इस पूरे मामले को देख रहे हैं और अपने मंत्री समूह के साथ इसको देख रहे हैं. जहां जहां भी ऐसे भगोड़े हैं, उनको लाने की कोशिश करेंगे.' शुक्ला ने कहा कि विजय माल्या को लेकर पहले भी हमने कदम उठाया और हमने इस पर काफी सफलता पाई है. वहां के गृह मंत्री ने संस्तुति दे दी है. आगे इसमें हमें सफलता मिलेगी.
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भारत लाने के बारे में शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि हम निश्चित रूप से कामयाब होंगे और लगातार इस पर काम कर रहे हैं. कोई भी भगोड़ा जो भारत का पैसा लेकर भागा है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
आपको बता दें कि लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पिछले साल 10 दिसंबर के अपने फैसले में माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश दिए थे. उसके बाद इसकी कार्रवाई शुरू हुई और अब भारत को बड़ी सफलता मिली है. माल्या (63) भारतीय बैंकों से लिए 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज की धोखाधड़ी करने के बाद 2 मार्च, 2016 को भारत से भाग गया था. उसने यह कर्ज उस वक्त बंद हो चुकी अपनी कंपनी किंगफिशर के लिए लिया था. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुआई वाले 13 बैंकों का एक कंसोर्टियम माल्या के खिलाफ कर्ज वसूली के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रहा है. इसी के तहत माल्या के खिलाफ मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत सुनवाई चल रही है.
माल्या को भारत लाने की तैयारी शुरू हो गई है. 2017 के अंत में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई थी, जिसका उसने कोर्ट में विरोध किया था. माल्या अभी लंदन में जमानत पर बाहर है. भारत में एफईओए के अंतर्गत की गई यह पहली कार्रवाई थी क्योंकि यह कानून हाल में बना है. पिछले साल 22 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष पीएमएलए कोर्ट से माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की थी. इसके साथ ही ईडी को माल्या की अनुमानित 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की सारी जायदाद पीएमएलए के तहत जब्त करने का सारा अधिकार मिल गया.
एफईओए में यह प्रावधान है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ अगर अपराध में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है और वह आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए भारत छोड़ दिया है या विदेश में है या भारत वापस आने से मना करता है तो उसे आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. माल्या (63) को मुंबई की विशेष अदालत ने कई बार पेश होने के लिए समन जारी किया लेकिन वह अदालत के सामने पेश नहीं हो सके.