बैंकों का 9 हजार करोड़ न चुकाने वाले फरार शराब कारोबारी विजय माल्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गई अपनी चिट्ठी सार्वजनिक की है. माल्या ने ट्वीट के साथ चिट्ठी शेयर करते हुए लिखा है कि दो साल बाद भी उन्हें इसका जवाब नहीं मिला है, इसिलए चीजों को सही संदर्भ में पेश करने के लिए मैं इन पत्रों को सार्वजनिक कर रहा हूं.
माल्या ने लिखा, 'लंबे समय की खामोशी के बाद अब मुझे लगा है कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों पर बोलने का वक्त आ गया है. राजनेताओं और मीडिया ने मुझ पर इस तरह आरोप लगाए जैसे किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9000 करोड़ रुपये का कर्ज मैंने चुरा लिया और भाग गया. कुछ कर्जदाता बैंकों ने भी मुझे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला करार दिया.'
विजय माल्या ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि उन्होंने 5 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को ये चिट्ठी लिखी थी. लेकिन 2 साल बाद भी उन्हें इसका कोई जवाब नहीं मिला.
अपने पत्र में विजय माल्या ने दावा किया है कि उन्होंने बैंकों से समझौते की कोशिशें की हैं. साथ ही ये भी कहा है कि वह न सिर्फ राजनीति का बल्कि सीबीआई और ईडी समेत दूसरी जांच एजेंसियों का मोहरा बने हैं. चिट्ठी में माल्या ने दावा किया कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने सरकार के आदेश पर मेरे खिलाफ गलत आरोप लगाए और चार्जशीट दायर की. ईडी ने मेरी और मेरे परिवार की 13900 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. मुझे बैंक धोखाधड़ी का चेहरा बना दिया गया है.
After two years of silence, I have decided to issue a comprehensive press statement ... 1/5 pic.twitter.com/klbeh4rF8G
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) June 26, 2018
नजदीक है प्रत्यर्पण!
सरकार के सूत्रों का कहना है कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अब आखिरी स्टेज पर है, ये सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए किया गया है. सूत्रों की मानें तो सीबीआई 31 जुलाई तक लंदन पहुंच जाएगी.
विपक्ष ने मांगा बीजेपी से जवाब
एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि यह चौंकाने वाली बात कि एक फरार व्यक्ति प्रधानमंत्री को खत लिखता है. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी को इस पर जवाब देने चाहिए.