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ब्रिटेनः प्रत्यर्पण केस में वकील का दावा- माल्या के खिलाफ कोई सबूत नहीं, सुनवाई जारी

बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज न चुकाने के मामले में माल्या के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. आपको बता दें कि दिसंबर शुरू हुई इस सुनवाई में सीबीआई माल्या को भारत लाने की कोशि‍श कर रही है.

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विजय माल्या
विजय माल्या

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भगोड़ा अपराधी करार दिए गए उद्योगपति विजय माल्या प्रत्यर्पण के संबंध में लंदन की अदालत में गुरुवार को हुई सुनवाई में कोई नतीजा नहीं निकला. विजय माल्या के प्रत्यर्पण के संबंध में मामला फिर आगे की तारीख के लिए टल गया. सबूतों को स्वीकार किया जाए या नहीं पर माल्या के वकील को पक्ष रखने के लिए और समय दिया गया. माल्या की जमानत को भी 2 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया.

अब अगली सुनवाई में भी माल्या अपना पक्ष रखना जारी रखेंगे. अभी अगली सुनवाई की डेट नहीं मिली है, लेकिन संभावना है कि यह 3 हफ्ते के अंदर अगली तारीख तय हो जाएगी. इस मामले में प्रोसिक्यूशन यानी भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (CPS) का पक्ष रखना बाकी है.  गुरुवार को सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने सारे सबूतों को खारिज करवाने की कोशिश की. सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने बचाव में कहा कि ब्रिटेन के कानून के मुताबिक भारत के कोई भी सबूत स्वीकार करने लायक नहीं है. भारत की ओर से अभी इस मामले में अपना पक्ष रखा जाना बाकी है.

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इन दो सबूतों पर माल्या ने रखा पक्ष

माल्या और उसके वकील सिरिल श्राफ के बीच हुए झूठे ईमेल को खारिज करते हुए माल्या के वर्तमान वकील ने कहा कि एक वकील और उसके क्लाइंट के बीच हुई बातचीत विशेषाधिकार प्राप्त होती हैं, उन्हें कोर्ट में सबूत के तौर पर नहीं रखा जा सकता. वहीं गवाह के बयान को माल्या के वकील ने अविश्वसनीय बताया. साथ ही गवाह के बयान के सोर्स और नेचर को भी ब्र‍िटेन के एक्सट्र‍िडिशन कानून के अंतर्गत स्वीकार नहीं करने की बात कही. साथ ही टाइपिंग गलतियों को हवाला देते हुए माल्या की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने गवाह के बयान को खारिज करने की मांग की.

वहीं दोनों पक्षों द्वारा सबूतों पर अपना पक्ष रखने के बाद ही इस पर फैसला दिया जाएगा. साथ ही जज ने मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरेक 12 में नेचुरल रोशनी और मेडिकल सुविधाओं की जानकारी भी मांगी है. प्रत्यर्पण मिलने पर माल्या को इसी जेल में रखने की योजना है.

वहीं इस केस के बाद भी ब्र‍िटेन के उच्च न्यायलय में फैसले के खिलाफ याचिका देने का विकल्प खुला हुआ है. वहीं फैसले के बाद ब्र‍िटेन के गृह सचिव के पास प्रत्यर्पण कागजातों पर साइन करने के 2 महीने का समय होगा.  बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज न चुकाने के मामले में माल्या के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. विजय माल्या के बेटे सिद्धार्थ माल्या भी उनके साथ वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट पहुंचे हैं.

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सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने बचाव में कहा कि ब्रिटेन के कानून के मुताबिक भारत के कोई भी सबूत स्वीकार करने लायक नहीं है. भारत की ओर से अभी इस मामले में अपना पक्ष रखा जाना बाकी है.

बता दें कि दिसंबर में शुरू हुई इस सुनवाई में सीबीआई माल्या को भारत लाने की कोशि‍श कर रही है. पिछली सुनवाई में भी माल्या वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में उपस्थि​त हुए थे. आपको बता दें कि प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में पीठासीन न्यायाधीश एम्मा लुइस अर्बथनॉट आज इस मामले में फैसला सुनाने की डेट की घोषणा कर सकती है. साथ वह इस मामले में भारत द्वारा पेश किए गए सबूतों पर स्वीकार करने या न करने पर अपना फैसला देगी.

माल्या को वापस लाने के लिए भारत के मामले का प्रतिनिधित्व ब्रिटेन सरकार की क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के माध्यम से किया जा रहा है. पिछली सुनवाई में लंदन की कोर्ट में भारत सरकार की ओर से जो वकील पेश हुए हैं, उन्होंने कोर्ट को कहा था कि विजय माल्या की कभी भी बैंकों का लोन वापस देने की मंशा नहीं रही. पिछली सुनवाई में भारत से केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय की चार सदस्यीय टीम भी अदालत में पहुंची थी.

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आपको बता दें कि मार्च 2016 में ब्रिटेन जा चुके माल्या विभिन्न भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले कर उसे न चुकाने के मामले में भारत में वांछित हैं. पिछले कुछ महीने में विभिन्न अदालतों में पेशी के दौरान राज्यसभा के पूर्व सदस्य माल्या ने वकील के जरिए बताया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन पर लगाए गए आरोप वास्तव में गढ़े हुए हैं. वहीं आपको बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने विजय माल्या को फरार अपराधी घोषित किया है. मुंबई के बाद दिल्ली की अदालत ने भी माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित किया है.

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