उद्योगपति विजय माल्या के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि लोन देते वक्त उनके मुवक्किल की विदेशी संपत्ति पर गौर नहीं किया गया था. उन्होंने बंद लिफाफे में ये जानकारी जमा करने के लिए कोर्ट से 26 जून तक का समय मांगा है.
विजय माल्या का पक्ष है कि बैंकों को उनके विदेशी संपत्ति की जानकारी होना जरूरी नहीं है. माल्या ने बैंकों को विदेशी संपत्ति की जानकारी देने से मना कर दिया था. उनका कहना है कि उनकी विदेशी संपत्ति को मुद्दा न बनाया जाए. इतना ही नहीं गुरुवार को शराब कारोबारी विजय माल्या मीडिया और सरकार पर भी भड़के. उन्होंने अपना पासपोर्ट रद्द किए जाने पर सवाल उठाया. सरकार पर निशाना साधते हुए माल्या ने कहा कि 'ये गलत है कि मैं फरार हो गया हूं. केंद्र सरकार की ताजा गतिविधियों से ऐसा लग रहा है कि मुझे फंसाया जा रहा है.'
विजय माल्या कि तरफ से इस बार कोर्ट में तीन नए प्रस्ताव रखे गए. पहले ही 4000 करोड़ का कर्ज चुकाने की पेशकश कर चुके माल्या ने इसके अलावा कर्नाटक हाई कोर्ट को 1398 करोड़ लौटाने की बात भी कही है. इतना ही नहीं माल्या ने कहा है कि अगर पेंडिंग मामलों में सुप्रीम कोर्ट दखल देने को तैयार होता है तो वह टोकन मनी देने को राजी हैं. उनका कहना है कि वह टोकन मनी तब तक नहीं देंगे जब तक सुप्रीम कोर्ट मुकदमेबाजी में फंसे शेयर की बिक्री की इजाजत नहीं देता है.