scorecardresearch
 

नाराज बैंक और वकीलों ने कहा- सरकार चाहे तो लाए जा सकते हैं माल्या

कोर्ट के मुताबिक देश से नदारद विजय माल्या को केस के सिलसिले में दो हफ्ते के भीतर जवाब देना होगा. मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी. माल्या के प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ दिन पहले तक तो माल्या ईमेल से संपर्क में थे.

Advertisement
X
अपने कर्मचारियों से भी संपर्क में नहीं हैं माल्या
अपने कर्मचारियों से भी संपर्क में नहीं हैं माल्या

Advertisement

सरकार के एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विजय माल्या दो मार्च को ही देश छोड़कर जा चुके हैं. 17 सरकारी बैंकों के समूह ने शराब कारोबारी माल्या को विदेश जाने से रोकने के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी.

अपने कर्मचारियों से भी माल्या का संपर्क नहीं
कोर्ट के मुताबिक देश से नदारद माल्या को केस के सिलसिले में दो हफ्ते के भीतर जवाब देना होगा. मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी. माल्या के प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ दिन पहले तक तो माल्या ईमेल से संपर्क में थे. डियाजियो से 515 करोड़ रुपए की डील के दौरान भी माल्या ने कहा था कि वह ब्रिटेन में बसना चाहते हैं.

कोर्ट में माल्या की पेशी की मांग
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सरकारी बैंकों की तरफ से एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केस में तुरंत सुनवाई की गुजारिश की थी. इसे चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने मान लिया. बैंकों के वकीलों ने माल्या के पेश होने, देश-विदेश की उनकी सभी संपत्ति और पासपोर्ट जब्त करने की मांग की है.

Advertisement

सरकार पर नाराज हुए कई सीनियर वकील
माल्या के देश छोड़कर जाने की खबर पर सीनियर वकील प्रशांत भूषण और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि सरकार को पहले ही उन्हें रोकना था. अलर्ट जारी नहीं किया और अब हायतौबा बस दिखावा है. सरकार अब भी गंभीरता से चाहे तो माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करवा सकती है. सरकार को अपनी इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत है.

जेटली ने राज्यसभा में दी जानकारी
कंपनी मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि किंगफिशर के अलावा पर्ल ग्रुप की कंपनियां पीएसीएल और पीजीएफ और सारदा समूह की जांच संबंधित एजेंसी कर रही है. कोर्ट ने नोटिस की कॉपी राज्यसभा भेजे जाने का भी आदेश दिया है.

एसएफआईओ कर रही है जांच
इस दौरान कंपनी मामलों के मंत्रालय के तहत काम करने वाले सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ने भी माल्या और किंगफिशर की जांच शुरू कर दी है. एसएफआईओ इस बात की जांच करेगा कि किंगफिशर ने कर्ज के पैसे का कहीं और इस्तेमाल तो नहीं कर लिया.

Advertisement
Advertisement