हम उस देश में रहते हैं, जहां एक गांव की पंचायत गैंगरेप की सजा सुना देती है और 12 दरिंदे 20 साल की उस लड़की पर टूट पड़ते हैं. सुनकर आपको अजीब लगेगा, मगर सच है. पश्चिम बंगाल के बीरभूम में बीते सोमवार की गैंगरेप घटना का ब्यौरा जब सामने आया तो सबके होश फाख्ता हो गए.
बताया गया कि दूसरे समुदाय के लड़के से संबंध रखने की वजह से पंचायत उससे नाराज थी. खबरों के मुताबिक, पंचायत ने उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. वह नहीं दे पाई तो उसका गैंगरेप किए जाने की सजा सुना दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है. शीर्ष कोर्ट ने जिला जज को घटनास्थल पर जाकर पड़ताल करने का निर्देश दिया है. फैसला सुनाने वाले ग्राम प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
बीरभूम के लाभपुर 20 वर्षीय आदिवासी लड़की से कथित तौर पर 12 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपियों को गुरुवार को सब-डिवीजनल कोर्ट में पेश किया गया. उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
आरोपियों में कम्युनिटी के मुखिया, जिसे स्थानीय भाषा में 'बलाई मड्डी' कहा जा लिया गया है, सामूहिक बलात्कार की यह घटना मंगलवार रात की है. लड़की के परिवार ने लाभपुर पुलिस थाने में दी गई अपनी शिकायत में कहा कि घटना उनके समुदाय के लोगों की पंचायत के बाद हुई.
पंचायत में इन लोगों ने लड़की के दूसरे समुदाय के लड़के से प्रेम संबंधों के लिए दंड देने का फैसला किया और जुर्माने की सजा सुनाई. लड़की के परिवार ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं, इसलिए वे जुर्माना नहीं भर सकते. इस पर 'बलाई मड्डी' ने सजा सुनाते हुए कहा, 'जाओ लड़की के साथ मजे करो.' फिर कुछ लड़के पीड़िता को एक झोपड़ी में खींचकर ले गया और बारी-बारी से उसका तब तक रेप किया, जब तक वह बेहोश नहीं हो गई.
लड़की को बुधवार शाम सूरी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी हालत स्थिर है. बताया जा रहा है कि पहले स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था. घटना के दो दिन तक पुलिस सोई रही. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बीरभूम के एसपी सुधाकर राव को तत्काल प्रभाव से हटाने को कहा है.