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भय्यू जी जिसे देकर गए जायदाद, वह सेवादार पहली बार आया सामने

विनायक पिछले 15 सालों से भय्यू जी महाराज के साथ रहता आया है. उसे भैय्यू जी का सबसे करीबी बताया जाता है. सुसाइड नोट के दूसरे पन्ने में भैय्यू जी ने अपने आश्रम, प्रॉपर्टी और वित्तीय शक्तियों की सारी जिम्मेदारी विनायक को दी है.

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भय्यू जी महाराज
भय्यू जी महाराज

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आध्यात्मिक गुरु भय्यू जी महाराज ने अपने सुसाइड नोट में जिस विनायक का ज़िक्र करते हुए अपनी सारी संपत्ति उसके नाम कर दी, वह शख्स अब सामने आया है.

विनायक पिछले 15 सालों से भय्यू जी महाराज के साथ रहता आया है. उसे भैय्यू जी का सबसे करीबी बताया जाता है. सुसाइड नोट के दूसरे पन्ने में भैय्यू जी ने अपने आश्रम, प्रॉपर्टी और वित्तीय शक्तियों की सारी जिम्मेदारी विनायक को दी है.

भय्यू जी महाराज के व्यक्तित्व के बारे में पूछने पर विनायक ने बताया कि वह बहुत सीधे और सरल आदमी थे. सबके प्रति समान भाव रखते थे. उन्होंने बताया कि भय्यूजी महाराज जहां जाते थे, वहां यह नहीं देखते थे कि कौन कैसा है. जहां मन करे वहां आम लोगों के बीच रुकते थे. बात करते थे. नुक्कड़ सभा खूब करते थे.

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विनायक ने बताया, 'हमने 2002 में सामुदायिक विवाह का कार्यक्रम शुरू किया था. फिर उसे शासन ने उठा लिया. उन्होंने जल संवर्धन योजना भी शुरू की थी. विनायक का कहना है, संस्थान की हमारी कमिटी है. उसके साथ मिलकर, परिवार के साथ मिलकर जो भी ज़िम्मेदारी आएगी मैं उसे निभाऊंगा.

बता दें कि सुसाइड नोट में भय्यूजी महाराज ने लिखा था, मैं विनायक पर भरोसा करता हूं. इसलिए उसे ये सारी जिम्मेदारी देकर जा रहा हूं और ये मैं बिना किसी दबाव के लिख रहा हूं. जब भैय्यू जी ने खुद को गोली मारी तब विनायक भी घर पर मौजूद था.

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