आईएनएक्स मीडिया मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) के तत्कालीन चेयरमैन सुब्बा राव का बयान रिकॉर्ड किया गया. सुब्बा राव ने ही एफआईपीबी चेयरमैन रहते हुए आईएनएक्स मीडिया को क्लीयरेंस दिया था. सुब्बा राव ने अपने बयान में कहा, INX मीडिया की ओर से प्रक्रिया के गैर अनुपालन को बोर्ड के ध्यान में नहीं लाया गया था, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी.
FIPB सचिवालय ने INX मीडिया के आवेदन के साथ जो दो पेजों का नोट तैयार किया था, उसमें किसी भी नियम का उल्लंघन या अनुपालन का जिक्र नहीं था. उन्होंने कहा, कागजातों में सब कुछ साफ था, लिहाजा बोर्ड ने इसे मंजूरी के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को भेज दिया.आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच कर रहे अफसरों को सुब्बाराव ने बताया कि इस तरह के मामलों में सामान्य तौर पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत फैसला लेने के लिए आरबीआई को रेफर करना था. लेकिन उल्लंघन को FIPB के संज्ञान में नहीं लाया गया था.
गुरुवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया था. आईएनएक्स मीडिया मामले में उन्हें बुधवार शाम गिरफ्तार किया गया था. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने यह फैसला सुनाया. अभियोजन की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता वहीं चिदंबरम की ओर से कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए.
जांच एजेंसी ने आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम से पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की थी. चिदंबरम को सीबीआई मुख्यालय से भारी सुरक्षा के बीच राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया था. अदालत की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि इंद्राणी मुखर्जी द्वारा 50 लाख डॉलर का भुगतान किया गया. इंद्राणी इस मामले में एक सह-आरोपी हैं. लेकिन, चिदंबरम ने सीबीआई द्वारा यह सवाल पूछने पर इनकार किया.चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने के आरोपी हैं.