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मणिपुर: हिंसा में मरने वालों की संख्या 8 हुई

मणिपुर में सोमवार को कुछ विधेयकों को पारित किए जाने के बाद भड़की हिंसा में दो और लोगों की मौत हो गई है. चूड़ाचंदपुर जिले में हिंसा के कारण अभी तक कुल 6 लोगों की जीवन लीला समाप्त हो गई है, वहीं हालात के मद्देनजर इलाके में अनिश्चि‍तकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है.

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चूड़ाचंदपुर में सोमवार को आगजनी की तस्वीर
चूड़ाचंदपुर में सोमवार को आगजनी की तस्वीर

मणिपुर में सोमवार को कुछ विधेयकों को पारित किए जाने के बाद भड़की हिंसा में दो और लोगों की मौत हो गई है. चूड़ाचंदपुर जिले में हिंसा के कारण अभी तक कुल 8 लोगों की जीवन लीला समाप्त हो गई है, वहीं हालात के मद्देनजर इलाके में अनिश्चि‍तकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है.

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अब तक 13 अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर है. राज्य में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में राज्य सरकार के एक मंत्री , एक सांसद और पांच विधायकों के मकानों में सोमवार शाम चूड़ाचंदपुर जिले में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी थी. शहर में मंगलवार को पांच शव पाए गए हैं, जबकि एक जला हुआ शव हेंगलप के विधायक मंगा वेईफेई के आवास के मलबे से पाया गया.

 

विधायक का घर उन सात मकानों में शामिल था, जिन्हें सोमवार की घटनाओं में आग लगा दी गई थी. मणिपुर के मूल लोगों के संरक्षण के लिए विधानसभा में तीन विधेयक पारित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद यह हिंसा भड़की है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाहरी मणिपुर लोकसभा सीट के सांसद थांगसो बेत, राज्य के परिवार कल्याण मंत्री फुंगजांगफांग तोनसीम और हेंगलेप विधानसभा क्षेत्र के विधायक मंगा वेईफेई और थानलोम के वुनगजागीन सहित पांच विधायकों के मकान फूंक दिए गए.

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पुलिस का दावा- स्थिति नियंत्रण में
दूसरी ओर, पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है. अधिकारी ने बताया कि एक मकान में आगजनी की कोशिश करने के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बाद एक हमलावर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

मणिपुर विधानसभा में कुछ विधेयकों को पारित करने के खिलाफ पर्वतीय जिलों में प्रदर्शन को लेकर तीन आदिवासी छात्र संगठनों ने 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था. सोमवार की आगजनी के पीछे इन्हीं संगठनों का हाथ होने का संदेह जताया गया है. विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों में ‘मणिपुर के लोगों का संरक्षण विधेयक 2015’, ‘मणिपुर भूमि राजस्व और भू सुधार (सातवां संशोधन) विधेयक 2015’ और ‘मणिपुर दुकान व प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक 2015’ शामिल हैं.

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