विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे आने के बाद त्रिपुरा हिंसा की भेंट चढ़ गया है. इस बार राज्य में 25 साल से शासन करने वाली सीपीआई (एम) को हार का सामना करना पड़ा है, जबकि बीजेपी अपनी जीत से गदगद है. इसी बीच त्रिपुरा में आगजनी, मारपीट, तोड़-फोड़, झड़प और हिंसा का दौर शुरू हो गया है. एक तरफ CPI(M) इस हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी ने कहा है कि हिंसा का सहारा लेना उसकी परंपरा नहीं है. बीजेपी नेता त्रिपुरा में भड़की हिंसा पर कोई सीधा जवाब देने के बजाए लेफ्ट पार्टियों को हिंसा का समर्थक बता रहे हैं.
कई इलाकों में धारा 144
हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर त्रिपुरा के कई इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है. बता दें कि साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविज़न में बुल्डोज़र की मदद से रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को ढहा दिया गया. जिसका समर्थन करते हुए त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट किया कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार जो कर सकती है, उस दूसरी चुनी हुई सरकार खत्म भी कर सकती है.
What one democratically elected government can do another democratically elected government can undo. And vice versa https://t.co/Og8S1wjrJs
— Tathagata Roy (@tathagata2) March 5, 2018
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी लेनिन के मूर्ति ढहने पर एक ट्वीट किया था, जिसे बाद में हटा दिया गया. माधव ने लिखा था, 'लोग लेनिन की मूर्ति गिरा रहे हैं, रूस में नहीं, त्रिपुरा में. 'चलो पलटाई'. CPI(M) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक राम माधव और तथागत रॉय के ट्वीट की तस्वीर डालते हुए लिखा गया कि बीजेपी/आरएसएस और त्रिपुरा के राज्यपाल हिंसा भड़का रहे हैं.
Highest levels of BJP/RSS and governor of #Tripura are directly inciting this violence in #Tripura.
Shame!#StandByTripuraLeft pic.twitter.com/Ob6a6ntQeg
— CPI (M) (@cpimspeak) March 6, 2018
CPI(M) नेता सीताराम येचुरी ने हिंसा का विरोध करते हुए कहा कि जो हिंसा हो रही है, उससे स्पष्ट है कि RSS-BJP का रुझान क्या है. हिंसा के अलावा उनका राजनीतिक भविष्य कुछ नहीं है और जनता इसका जवाब देगी. साम्यवादी दलों ने लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की निंदा करते हुए कहा है कि BJP कार्यकर्ताओं का रवैया ठीक नहीं है.
बीजेपी बोली- हिंसा का समर्थन नहीं करते
वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि मार्क्सवादियों के कारण त्रिपुरा में बीजेपी के 9 कार्यकर्ता मारे गए. कर्नाटक में कांग्रेस के कुशासन में बीजेपी के 24 कार्यकर्ता मारे गए. जनता आने वाले चुनाव में जवाब देगी. बीजेपी के ही नलिन कोहली ने कहा कि बीजेपी हिंसा का समर्थन नहीं करती. त्रिपुरा जैसी जगहों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या पर वामदलों ने चुप रहने का फैसला किया. वाम दलों को समर्थन देने वाले कुछ लोग मूर्ति हटाने का बहस छेड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है, 'हमने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया. ये हमारा सिद्धांत ही नहीं है, यह सिद्धांत वामपंथियों का रहा है. वामपंथियों ने केरल और त्रिपुरा में हजारों लोगों की हत्या की. हम तो सबका साथ, सबका विकास लेकर चलते हैं.' गिरिराज सिंह का कहना है कि त्रिपुरा में हिंसा के जिम्मेदारी वामपंथी दल हैं. वे हार से बौखलाए हुए हैं.
वामपंथियों को हंसराज अहीर ने बताया खूनी
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि त्रिपुरा में जो हिंसा होती थी, वो खत्म हो जाएगी. हंसराज अहीर ने वामपंथी लोगों को खूनी बताते हुए कहा कि वामपंथी लोग हिंसा में विश्वास करते हैं. वे किस आधार पर बीजेपी पर आरोप लगा सकते हैं.