केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा के लिए पुरुषों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए हमें स्कूली स्तर पर कुछ ऐसे काम करने होंगे ताकि महिलाओं के प्रति पुरुषों की सोच बदले.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्कूली स्तर पर कुछ ऐसी गतिविधियां कराई जानी चाहिए, जिनमें लड़कियों की मदद करने वाले और उनका सम्मान करने वाले लड़कों को पुरस्कार दिया जाए. इससे उनकी सोच में बदलाव आएगा. यह अवॉर्ड हर क्लास में एक लड़के को दिया जाए. साथ ही किसी ऐसी लड़की को भी दिया जाए जो बहादुरी के कारण चर्चा में रही हो.
महिलाओं की सुरक्षा और गर्भ में बच्चों के लिंग परिवर्तन की दवा बेचे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसी किसी दवा के बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा हो तो दवा का नाम या संबंधित कंपनी का नाम उपलब्ध कराएं.'
मीडिया को भी घेरा
मेनका ने कहा, ‘निजी तौर पर मैं देखती हूं कि मीडिया महिलाओं के मुद्दे पर विदेशों की तुलना में भारत में अधिक संवेदनशील है. कभी कभी यह हमें अंतरराष्ट्रीय रूप से मुश्किल में डाल देता है क्योंकि मीडिया महिलाओं के खिलाफ हिंसा के एक पहलू को उठाता है और व्यक्तिगत मामलों को आगे बढ़ाता है जो कि विदेशों में यह प्रभाव देता है कि हमारा समाज महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है. वहीं दूसरी ओर हिंसा पर मीडिया के रूख के चलते कई अच्छे कानून बने हैं और बेहतर जागरूकता उत्पन्न हुई है.’