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नाबालिग के रेप की धमकी देने वाला क्या बीजेपी से जुड़ा था? जानिए सच

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी की नाबालिग बेटी को रेप की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार शख्स क्या वाकई बीजेपी का पदाधिकारी था?  जैसा कि प्रियंका के कांग्रेस में कुछ सहयोगियों और समर्थकों की ओर से दावा किया जा रहा है?

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कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी

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कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी की नाबालिग बेटी को रेप की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार शख्स क्या वाकई बीजेपी का पदाधिकारी था? जैसा कि प्रियंका के कांग्रेस में कुछ सहयोगियों और समर्थकों की ओर से दावा किया जा रहा है?

इंडिया टुडे की वायरल टेस्ट टीम की पड़ताल से सामने आया है कि गिरफ्तार किया गया शख्स बीजेपी का पदाधिकारी नहीं है. बता दें कि ऑनलाइन धमकी देने वाले गिरीश माहेश्वरी नाम के इस शख्स को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था.

जब माहेश्वरी के सोशल मीडिया हैंडल्स को खंगाला गया तो पाया कि उसने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट्स पर प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर भगवान हनुमान की तस्वीर लगा रखी है.

अपने ट्विटर हैंडल  (@GirishK1605)  पर माहेश्वरी ने दावा किया है कि ‘हिटलर से भी ज्यादा खतरनाक’. अब ये अकाउंट डिलीट कर दिया गया है

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माहेश्वरी ने अपने फेसबुक पेज पर हनुमान की तरह मजबूती और भव्यता से खड़े रहने की इच्छा जता रखी है.

सोशल मीडिया पर माहेश्वरी की धमकी को लेकर बड़ी संख्या में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के मामले में दखल देने के बाद महाराष्ट्र पुलिस तेजी से हरकत में आई. माहेश्वरी को अहमदाबाद के बाह्य क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया.  

दरअसल माहेश्वरी के बीजेपी से जुड़े होने के आरोपों को आधार उसके फेसबुक प्रोफाइल ने ही दिया. इस प्रोफाइल में माहेश्वरी ने खुद को बीजेपी का ‘अकाउंटिंग एसोसिएट’ बता रखा है. साथ ही उसने खुद को स्वनियोजित ( self-employed) भी बता रखा है.

वायरल टेस्ट टीम की पड़ताल से सामने आया कि 36 वर्षीय माहेश्वरी मूल रूप से राजस्थान के अजमेर जिले का रहने वाला है. अपने तीन भाइयों के साथ वो पिछले 6 साल से गुजरात में रह रहा था.

माहेश्वरी का भाई नंदू और परिवार स्वामीनारायण मंदिर के बाहर किराना की दुकान चलाते हैं. अहमदाबाद रूरल के एसपी आर वी असारी के मुताबिक माहेश्वरी अहमदाबाद के सेटेलाइट टाउन बावला में रह रहा था.  

माहेश्वरी अकाउंटेंट है लेकिन अभी तक वो कृषि उत्पादों में डील करने वाली कंपनी में बिक्री अधिकारी के तौर पर काम कर रहा था. एसपी ने बताया कि पुलिस ने उसके बैकग्राउंड की जांच की तो उसे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं पाया.

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गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता भारत पांड्या ने भी माहेश्वरी के बीजेपी के लिए काम करने संबंधी रिपोर्ट्स को निराधार बताया है. पांड्या ने कहा, ‘गुजरात बीजेपी में अकाउंटिंग एसोसिएट जैसा कोई पद नहीं है. ऐसे में माहेश्वरी के हमारे लिए काम करने का सवाल ही नहीं उठता. वो हमारी पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं है.  

वायरल टेस्ट टीम ने माहेश्वरी के भाई नंदू से भी बात की. नंदू इस वक्त माहेश्वरी की जमानत याचिका का इतंजाम करने के लिए मुंबई में है. नंदू ने भी कहा कि माहेश्वरी या उनके परिवार का बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है.  

जब गुजरात और राजस्थान बीजेपी की वेबसाइटस पर गिरीश माहेशवरी का नाम तलाशने की कोशिश की गई तो उसके नाम की कोई एंट्री नहीं मिली.

हालांकि गिरीश माहेश्वरी की सोशल मीडिया पोस्ट्स को देखने से ये पता चलता है कि वो बीजेपी समर्थक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रशंसक है.  

फेसबुक पर और अब डिलीट कर दिए गए ट्विटर हैंडल की पड़ताल से पता चलता है कि वो अधिकतर रीट्वीट और दूसरों की पोस्ट को ही शेयर करता था. लेकिन कभीकभार वो खुद लिखता था तो वो बड़ा अपमानजनक होता था. जैसे कि उसने एक बार लिखा कि हिन्दू भाइयों और बहनों को पैसा इकट्ठा करके देना चाहिए जिससे कि वो सोनिया गांधी के डांस का इंतजाम कर सके.  

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हालांकि माहेश्वरी की टाइमलाइन पर ऐसा कुछ नही मिला जो उसके बीजेपी का कोई पदाधिकारी होने को साबित करता.

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