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वायरल टेस्ट: जानिए, महिलाओं के सुरक्षित सफर से जुड़े हेल्पलाइन का सच

देश में बढ़ती रेप की वारदात को लेकर महिला सुरक्षा का सवाल एक बार फिर सुर्खियों में है. संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. हाल में हरियाणा के पंचकूला शहर में गेस्ट हाउस में 22 वर्षीय एक महिला के साथ दरिंदगी के 40 लोगों पर लगे आरोप ने देश में हर किसी को हिला कर रख दिया. इसी बीच सोशल मीडिया पर भी एक मैसेज जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने रात में अकेले सफर करने वाली महिलाओं के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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देश में बढ़ती रेप की वारदात को लेकर महिला सुरक्षा का सवाल एक बार फिर सुर्खियों में है. संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. हाल में हरियाणा के पंचकूला शहर में गेस्ट हाउस में 22 वर्षीय एक महिला के साथ दरिंदगी के 40 लोगों पर लगे आरोप ने देश में हर किसी को हिला कर रख दिया. इसी बीच सोशल मीडिया पर भी एक मैसेज जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने रात में अकेले सफर करने वाली महिलाओं के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.

मैसेज मे यह भी कहा जा रहा है कि जब भी महिला रात में अकेले किसी ऑटो या टैक्सी में बैठे तो 9969777888 पर वाहन का नंबर मैसेज कर दे. मैसेज के दावे के मुताबिक पुलिस जीपीआरएस की मदद से फिर उस वाहन पर महिला का सफर पूरा होने तक नजर रखेगी.

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मैसेज में ऐसा कुछ नहीं बताया गया है कि ये व्यवस्था किस राज्य की पुलिस ने की है. बस मैसेज के साथ एक पुलिस अफसर की फोटो लगाई गई है जिनका नाम सुरेश अरोड़ा बताया गया है. यह मैसेज अभी तक पचास हज़ार से भी ज्यादा बार शेयर हो चुका है. साथ ही लोग कमेंट्स के जरिए इस व्यवस्था के लिए पुलिस की जमकर पीठ ठोक रहे हैं.

मैसेज में एक बात ऐसी लिखी हुई है, जिससे इस पर शक पैदा होता है. मैसेज में लिखा हुआ है कि GPRS  टेक्नोलॉजी की मदद से टैक्सी पर नजर रखी जाएगी. जबकि किसी भी लोकेशन को जानने के लिए या नजर रखने के लिए GPS टेक्नोलॉजी का इस्तमाल होता है ना की GPRS का.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने जब मैसेज की सच्चाई जानने के लिए दिए गए फ़ोन  नंबर पर एक टैक्सी का नंबर मैसेज किया  तो दूसरी तरफ से  भी एक मैसेज आया, जिसमे लिखा हुआ था-  जानकारी के लिए धन्यवाद, इमरजेंसी  के लिए 100 नंबर कॉल करें- मुंबई पुलिस  आपकी सेवा में.

अब ये पता लगाना था कि क्या वाकई मुंबई पुलिस ने महिला सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए इस हेल्पलाइन को शुरू किया ?  मुंबई पुलिस से जब इस संबंध में संपर्क किया गया तो जवाब मिला- ‘8 मार्च 2014 को मुंबई पुलिस ने MTNL के साथ मिलकर 'Travel Safe When Alone’ नाम से एक पहल की थी.  इसी के साथ ही इस हेल्पलाइन नंबर को जारी किया गया. लेकिन 2 मार्च 2017 को इसे बंद कर दिया गया.’

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मुंबई पुलिस का कहना था कि  हो सकता है यह नंबर अभी भी MTNL की तरफ से चालू हो इसीलिए इस नंबर पर मैसेज करने पर जवाब में मुंबई पुलिस से संपर्क करने की प्रतिक्रिया मिलती हो.

मुंबई पुलिस के जवाब से यह तो साफ हो गया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसी व्यवस्था मुंबई पुलिस की ओर से शुरू की गई थी जो अब बंद हो चुकी है.

इंटरनेट पर खोजने पर यह भी पता चल गया कि  वायरल मैसेज में जिन सुरेश अरोड़ा नाम के पुलिस अफ़सर का जिक्र किया गया है वो पंजाब पुलिस के डीजीपी है. ट्विटर के ज़रिए पंजाब पुलिस से इस मैसेज की सच्चाई जानना चाही तो वहां से साफ़ जवाब आया कि '' यह मैसेज एकदम फर्ज़ी है इसको फैलाया न जाए.''   पंजाब पुलिस का महिला सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 है.

वायरल मैसेज में जिस हेल्पलाइन नंबर का जिक्र किया गया, उसका पंजाब पुलिस या वहां के डीजीपी सुरेश अरोड़ा से कोई लेना देना नहीं है.  

ऐसा नहीं है की इस मैसेज को  सोशल मीडिया पर पहली बार फैलाया जा रहा हो. पहले भी इस मैसेज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो के साथ खूब शेयर किया गया था .

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साफ है कि इस तरह से मैसेज फैलाने से कोई सार्थक परिणाम तो नहीं निकलता उलटे भ्रम फैलने से पुलिस और नागरिकों को बिना मतलब की परेशानी जरूर झेलनी पड़ जाती है.

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