प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे की वजह से इंडोनेशिया से जुड़ी तमाम खबरें आईं, लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसी खबर भी वायरल हुई जिसको देखकर लोग चक्कर में पड़ गए कि क्या सचमुच ऐसा है? इन खबरों में दावा किया गया है कि पूरी तरह से मुस्लिम बाहुल्य देश होने के बावजूद इंडोनेशिया के करेंसी नोट में भगवान गणेश की फोटो छपी हुई है. सोशल मीडिया पर जो खबरें शेयर हो रही हैं उसमें इंडोनेशिया का एक नोट भी दिखाया जा रहा है जो 20,000 का है और जिस पर वाकई गणेश की फोटो छपी हुई दिखती है. नोट में गणेश जी के साथ एक बुजुर्ग व्यक्ति के फोटो भी दिखती है.
अगर आप इंडोनेशिया के नोट गूगल पर खोजना शुरू करेंगे तो आपको 20,000 के जो नोट दिखेंगे वो इससे बिल्कुल अलग हैं और उस पर कहीं गणेश जी कहीं नहीं दिखते.
लेकिन गणेश जी वाले नोट की और खोजबीन करने के लिए जब हमने बैंक ऑफ इंडोनेशिया की वेबसाइट पर देखा तो यह नोट हमें दिख गया. वेबसाइट पर दी गई जानकारी से पता चला कि इस नोट को इंडोनेशिया की सरकार ने 1998 में जारी किया था. गणेश जी वाले 20,000 के नोट पर छपे हुए व्यक्ति का नाम 'की हजार देवेंन्त्रा' है जो इंडोनेशिया के स्वतंत्रता सेनानी थे और जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया था. 1945 में वो इंडोनेशिया के शिक्षा मंत्री भी रहे थे. नोट में पीछे की तरफ क्लास रूम दिखाए गए हैं क्योंकि यह नोट शिक्षा की थीम पर ही छापा गया था. लेकिन गणेश जी की फोटो वाला 20,000 का इंडोनेशिया का नोट 10 साल तक प्रचलन में रहने के बाद 2008 के अंत में बंद हो गया.
इंडोनेशिया पूरी तरह से मुस्लिम देश है जहां पर हिंदुओं की आबादी 2% से भी कम है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर नोट पर गणेश जी की फोटो इंडोनेशिया की सरकार ने क्यों छापी थी?
बहुत कम लोगों को यह बात मालूम है कि मुस्लिम बाहुल्य देश होने के बावजूद संख्या के हिसाब से इंडोनेशिया में हिंदुओं की तादाद बहुत बड़ी है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बाद इंडोनेशिया ही वह देश है जहां सबसे ज्यादा हिंदू रहते हैं. इंडोनेशिया के बाली में तो 80 फीसदी से ज्यादा आबादी बालनिज हिंदुओं की है और वहां पर हजारों छोटे बड़े मंदिर हैं. सिर्फ दो प्रतिशत हिंदू आबादी होने के बावजूद इंडोनेशिया की संस्कृति में हिंदू देवी देवताओं को सम्मान मिलता रहा है.
भगवान विष्णु के वाहन कहे जाने वाले गरुड़ के नाम पर इंडोनेशिया में एक एयरलाइंस चलती है. इंडोनेशिया में गणेश, कृष्ण और हनुमान के साथ-साथ पांडवों के नाम पर डाक टिकट भी जारी हो चुके हैं. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में अर्जुन विवाह के नाम से एक विशाल प्रतिमा भी लगी हुई है जो महाभारत के दृश्य को दिखाती है. इंडोनेशिया का नेशनल एंब्लेम भी गरुड़ पंकशील कहलाता है. इंडोनेशिया के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज बांडुंग इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के लोगो पर भी भगवान गणेश की तस्वीर बनी हुई है. यही नहीं अमेरिका में इंडोनेशिया के दूतावास के बाहर भी विद्या की देवी सरस्वती की एक विशाल मूर्ति लगाई गई है.
जहां तक 20,000 के नोट पर गणेश जी की फोटो लगाने का सवाल है तो इस बारे में लोगों की राय अलग-अलग है. ऐसा भी माना जाता है कि गणेश बुद्धि के देवता हैं और उन्होंने व्यास जी के कहने पर अपने दांत से ही महाभारत लिख दिया था. इसीलिए उन्हें एकदंत भी कहा जाता है. इंडोनेशिया के जिस 20,000 के नोट पर भगवान गणेश की फोटो बनी है उसका थीम शिक्षा है और हो सकता है इसीलिए गणेश जी की फोटो छापने का फैसला किया गया हो.
लेकिन इंडोनेशिया के नोट पर गणेश भगवान की फोटो छपने संबंधित एक और रोचक तथ्य भी है. 1997 में एशिया की आर्थिक मंदी के दौरान इंडोनेशिया समेत कई देशों के मुद्रा की कीमत बहुत ज्यादा गिर गई थी. इस दौरान इंडोनेशिया की करेंसी भी डॉलर के मुकाबले इतनी नीचे गिर गई कि देश में भयंकर आर्थिक संकट हो गया था. इसे संयोग कहा जा सकता है लेकिन यह बात सच है कि 1998 में 20,000 के नोट पर गणेश जी की फोटो छपने के बाद अगले साल 1999 में ही इंडोनेशिया की आर्थिक हालत और वहां की मुद्रा की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ था.
वायरल टेस्ट में इंडोनेशिया के नोट पर गणेश की फोटो छपी होने के बाद सही निकली हालांकि यह नोट अब प्रचलन में नहीं है.