पुलिस के डंडे से बचने के लिए आरोपियों को रोते गिड़गिड़ाते अक्सर देखा जा सकता है, लेकिन वर्दी पहने कोई पुलिस वाला किसी आम आदमी के सामने मिन्नतें करता, पैर पकड़ता और उठक-बैठक करता नजर आए, ये नजारा दुर्लभ ही कहा जा सकता है. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कुछ और बताने से पहले आप खुद ये वीडियो देखिए-
जो हो रहा है वो तो आपने वीडियो में देख लिया. लेकिन पूरी कहानी इससे साफ नहीं होती. आप सोच रहे होंगे कि पुलिस वाले के सामने आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी होगी कि वो एक आम युवक के आगे हाथ-पैर जोड़ता नजर आए. वीडियो में गुहार करने वाले के साथ एक और पुलिसकर्मी भी दिख रहा है. वीडियो में आम युवक नोट दिखा दिखाकर पुलिस वालों से पूछ रहा है कि ये क्या है. पुलिसवालों के हावभाव से ऐसा लग रहा है कि वो अपने किसी अवैध काम की वजह से कार्रवाई के डर से युवक का हर कहना मानने को तैयार नजर आ रहे हैं.
दरअसल, ये वीडियो बिहार में गोपालगंज बॉर्डर का बताया जा रहा है. वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर गोपालगंज पुलिस का खूब मखौल भी बनाया जा रहा है.
मामले की तह तक पहुंचने के लिए इंडिया टुडे की वायरल टेस्ट टीम ने वीडियो की बारीकी से पड़ताल की तो साफ हुआ कि ये वीडियो बिहार के गोपालगंज जिले का ही है. फिर गोपालगंज से रिपोर्टर के जरिए जमीनी हकीकत जानी गई तो सारा माजरा साफ हो गया.
मोबाइल के जरिए की गई ये रिकॉर्डिंग जिले में कुचायकोट ब्लॉक के जलालपुर चेकपोस्ट की है. जो पुलिस सिपाही उठक-बैठक लगा रहा है उसका नाम सचितानंद शाही और दूसरे पुलिस वाले का नाम सहेंद्र रजक है और वो एएसआई है.
बता दें कि गोपालगंज की सीमा उत्तरप्रदेश से सटी हुई है. बिहार में शराबबंदी के बाद क्षेत्र में उत्पाद अधिनियम के तहत यूपी से आने वाले सभी वाहनों की चेकिंग का जिम्मा स्थानीय पुलिस को दिया गया है. आरोप के मुताबिक जलालपुर चेकपोस्ट पर पुलिस वाले आए दिन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली करते है.
वीडियो में जो आम युवक पुलिस वाले को उठक बैठक लगवाता नजर आ रहा है उसी ने पुलिस वालों की अवैध वसूली का कथित तौर पर वीडियो बना लिया. इसी वजह से विभागीय कार्रवाई और निलंबित होने के डर से पुलिसवाला उस युवक की मिन्नतें करता नजर आ रहा है. घटना की जानकारी मिलने के बाद गोपालगंज के एसपी राशिद जमां ने दोनों पुलिसवालों को निलंबित कर दिया.
वीडियो में उठक बैठक लगाते नजर आने वाले सचितानंद शाही ने अपने बचाव में अजीब तर्क दिया. शाही के मुताबिक उसने युवक से कुछ रकम उधार ले रखी थी और युवक के पैसे मांगने पर वो उसके सामने गिड़गिड़ाता रहा और जो वो कहता गया उसे मानता गया.
वायरल टेस्ट से ये साबित हुआ कि वीडियो सच है और पुलिस की अवैध वसूली से जुड़ा है जिसकी वजह से दो पुलिसवालों को निलंबित होना पड़ा.