हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार वकामुल्ला चंद्रशेखर को पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. ईडी ने 5 दिन की कस्टडी ख़त्म होने के बाद उसको पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था. तारिनी ग्रुप ऑफ कंपनीज के डॉयरेक्टर और प्रमोटर वकामुल्ला चंद्रशेखर को मनीलॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया है, जिसके बाद उसको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
आरोप है कि चंद्रशेखर ने अपने परिवार के तीन निजी खातों के माध्यम से वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों को 5.9 करोड़ रुपये दिए थे. जब इस रकम के स्रोत की पूछताछ की गई तो पता चला कि यह राशि आवास प्रविष्टि ऑपरेशन में शामिल कंपनियों की एक वेबमास्टर के माध्यम से प्राप्त हुई थीं. 2015 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत वीरभद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ अपनी धनशोधन जांच के सिलसिले में पिछले साल 5.6 करोड़ रुपये कीमत की सम्पत्ति भी जब्त की थी.
इस मामले में सीबीआई भी वीरभद्र सिंह से पूछताछ कर चुकी है. 83 साल के वीरभद्र सिंह के अलावा, यूनिवर्सल एप्पल एसोसिएट के मालिक चुन्नी लाल चौहान के अलावा एलआईली एंजेंट आनंद चौहान के साथ-साथ प्रेम राज और लवण कुमार को आरोपी बनाया गया है. इससे पहले आरोपी आनंद चौहान को ईटी ने 9 जुलाई 2016 को गिरफ्तार किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में चुन्नी लाल, स्टांप पेपर वेंडर जोगिंद्र गाल्टा, एमडी तारिनी इन्फ्रास्क्चर वकामुल्ला चंद्रशेखर और लवण कुमार रोच, प्रेम राज और राम प्रकाश भाटिया भी आरोपी हैं.