scorecardresearch
 

सुनंदा पुष्‍कर की विसरा रिपोर्ट आई, लेकिन सुलझी नहीं मौत की गुत्‍थी

केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की विसरा रिपोर्ट में दवा अधिक मात्रा में लेने से हुई विषाक्तता की ओर संकेत किया गया है लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने के लिए इसमें पाई गई बातें अभी भी अनिर्णायक हैं.

Advertisement
X
सुनंदा पुष्कर (File Photo)
सुनंदा पुष्कर (File Photo)

केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की विसरा रिपोर्ट में दवा अधिक मात्रा में लेने से हुई विषाक्तता की ओर संकेत किया गया है लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने के लिए इसमें पाई गई बातें अभी भी अनिर्णायक हैं. जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, सीएफएसएल रिपोर्ट से इस जांच में आगे कोई प्रगति नहीं हुई है. इसने विषाक्तता से इनकार किया है और दवा की विषाक्तता की ओर संकेत किया है. यह उम्मीद थी कि जहर की प्रकृति और गुणवत्ता सीएफएसएल में विसरा जांच के बाद स्थापित हो सकती है लेकिन रिपोर्ट ऐसा करने में नाकाम रही.

Advertisement

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता अब एम्स के चिकित्सकों के विचार लेंगे जिन्होंने पोस्‍टमार्टम किया था ताकि सीएफएसएल की रिपोर्ट में पाई गई चीजें स्पष्ट हो सकें. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को सौंपी गई सीएफएसएल रिपोर्ट की बातें पुलिस के लिए इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अभी तक अनिर्णायक हैं.

गौरतलब है कि 21 जनवरी को एक सबडिवीजनल मजिस्ट्रेट ने दिल्ली पुलिस को मामले में हत्या या आत्महत्या के पहलू की जांच करने का निर्देश दिया था. इससे पहले शव परीक्षण रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि मौत अचानक हुई एवं अप्राकृतिक हैं जबकि मौत की वजह विषाक्तता बताई गई. एसडीएम को सीएफएसएल की रिपोर्ट के बारे में भी जानकारी दी गई.

एसडीएम ने सुनंदा के भाई, बेटे और थरूर तथा उनके कर्मचारी का बयान दर्ज किया था जिसमें कहा गया था कि मौत में परिवार के किसी सदस्य की कोई भूमिका नहीं है. शव परीक्षण रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि सुनंदा के दोनों हाथ पर एक दर्जन से अधिक चोट के निशान हैं और उनकी गाल पर खरोंच का एक निशान है जिससे ऐसा लगता है कि इसमें बल प्रयोग किया गया है. इसके अलावा उनकी दायीं हथेली के किनारे दांत से काटने के गहरे निशान हैं. शवपरीक्षण के बाद विसरा के नमूने सुरक्षित रख लिए गए थे और इन्हें आगे की जांच के लिए सीएफएसएल को भेज दिया गया.

Advertisement

पुलिस की तलाशी एवं जब्ती रिपोर्ट में दो दवाओं के मिश्रण का जिक्र है जिनके नाम अल्प्राजोलम और एक्सेड्रीन हैं. एक्सेड्रीन में एसेटामीनोफेन, एस्‍प्रिन और कैफीन हैं जबकि अल्प्राजोलम एक बेचैनी या तनाव दूर करने वाली दवा है. इस मामले की जांच 23 जनवरी को अपराध शाखा को सौंप दी गई. हालांकि दो दिन बाद 25 जनवरी को मामला वापस दक्षिण दिल्ली पुलिस को हस्तांतरित कर दिया गया.

Live TV

Advertisement
Advertisement