दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति की स्पीच सुनकर 16 साल का विशाल फूले नहीं समाया. स्पीच कुछ ऐसी थी, जिसको सुनकर विशाल हैरान रह गया, क्योंकि 5 साल बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने उस साधारण लड़के को उसके नाम से याद किया.
दरअसल, विशाल एक मजदूर का बेटा है. जब ओबामा ने पहली बार साल 2010 में भारत का दौरा किया था, तो दिल्ली में हुमायूं के मकबरे पर कुछ मजदूरों और उनके बच्चों के साथ मुलाकात की थी. इनमें विशाल भी अपने माता-पिता के साथ था. स्पीच के दौरान ओबामा ने अपनी पहले दौरे को याद करते हुए विशाल का नाम लिया. वे उससे दोबारा मिलना चाहते थे, जो एक मजदूर के बेटे के लिए बहुत बड़ी बात थी.
विशाल मजदूरों के साथ ऑडिटोरियम में दर्शकों के बीच बैठा था. सबने विशाल की तरफ देखा, जिससे उसने गर्व महसूस किया. उसने ओबामा की भरपूर तारीफ की. उसे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हुआ. ओबामा ने कहा कि मजदूर इस देश की कमर मजबूत करते हैं, देश की तरक्की कराते हैं.
विशाल ने इंटरव्यू में बताया कि ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल से जब उसकी पहली मुलाकात हुई, तो वह अपने माता-पिता और बहन के साथ था. उन्होंने उसे ऑटोग्राफ के साथ-साथ चॉकलेट भी दिया था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने जब पूछा कि वह फ्यूचर में क्या करना चाहता है, तो विशाल ने बताया कि वह आर्मी में जाना चाहता है. विशाल ने कहा, 'ओबामा एक अच्छे इंसान हैं. उन्होनें मुझे 2010 में और अब भी फ्यूचर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.'