पांच साल पहले हरियाणा का गांव कालूवास रातोंरात पहचान पा गया, क्योंकि यहां से एक स्टार निकला और पूरी दुनिया में छा गया था. उस स्टार का नाम है विजेंदर सिंह. वही बॉक्सर विजेंदर सिंह, जो दिन दिनों ड्रग्स तस्करी स्कैंडल से जुड़े होने के आरोपों से घिरा हुआ है.
2008 के ओलंपिक में मेडल झटककर विजेंदर सिंह ने तहलका मचा दिया था. तब यह गांव (कालूवास) सुर्खियों में आया. विजेंदर सिंह ने कुछ बड़ा करके दिखाने का जो सपना पाला था, उसे पा भी लिया. लेकिन इन दिनों नशीली दवाओं की तस्करी के आरोपियों से विजेंदर का लिंक होने की बात ने उनकी छवि को काफी खराब किया है.
मेल टुडे ने मंगलवार को कालूवास गांव का दौरा किया. यहां सब कुछ वैसा ही था, जैसा अक्सर होता था. गांव के जवान युवक ताश खेल रहे थे तो बुजुर्गों की चौपाल भी उसी तरह जमी थी, जैसे आम दिनों में जमती है. रोजमर्रा के काम भी जारी थे.
विजेंदर के शानदार घर के बाहर उनकी मां खड़ी थीं. मेल टुडे ने उनसे बात करनी चाही तो वे काफी झिझकीं. कुछ देर बाद वे बात करने को तैयार हो गईं. वे यह बताने को राजी हो गईं कि पिछले कुछ दिनों में उन पर और उनके परिवार पर क्या बीत रही है.
मुक्केबाज विजेंदर सिंह की मां कृष्णा देवी ने अपने बेटे का पूरा समर्थन करते हुए कहा कि परिवार इन दिनों काफी मानसिक परेशानी झेल रहा है. ड्रग्स विवाद ने न केवल विजेंदर की, बल्कि पूरे परिवार उनकी छवि खराब की है.
कृष्णा देवी ने बताया, 'गांव के लोग हालांकि परिवार की बहुत इज्जत करते हैं और दिल से वे हमारे साथ हैं, फिर भी उन्हें घर से बाहर निकलना भी अब अजीब सा लगने लगा है. हमें विश्वास है कि विजेंदर गलत नहीं है, लेकिन फिर भी परिवार के सदस्य होने के नाते लोगों के सामने मन पर एक बोझ बना ही रहता है.' ड्रग्स तस्करी विवाद में विजेंदर का नाम तब सामने आया, जब उनकी पत्नी के नाम रजिस्टर्ड गाड़ी एनआरआई अनूप सिंह काहलों, जो ड्रग्स तस्करी का मुख्य आरोपी है, के फ्लैट के बाहर मिली थी और इसमें काफी मात्रा में हेरोइन भी बरामद हुई. काहलों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
विजेंदर के लिए मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब उनके ही दोस्त राम सिंह ने यह कहा कि दोनों (राम सिंह और विजेंदर) ने एक साथ हेरोइन ली थी. पंजाब पुलिस ने इस मामले में विजेंदर से उसके खून और बालों के सैंपल मांगे, लेकिन विजेंदर से इससे इनकार कर दिया था.
कृष्णा देवी को भरोसा है कि कुछ समय बेशक लगेगा, लेकिन उनका बेटा पाक साफ निकलेगा. उनकी मां ने कहा, विजेंदर को फंसाया बनाया जा रहा है, क्योंकि वह एक स्टार है और उसकी छवि बेहद साफ है. उम्मीद है कि वह जल्द खुद की निर्दोषिता साबित कर देगा.
विजेंदर सिंह का नाम ड्रग्स तस्करों से जुड़ने की खबर ने प्रशंसकों के साथ-साथ उनके गांव के लोगों को भी झटका दिया.
कालूवास गांव के ही एक निवासी सुभाष सिंह ने बताया कि विजेंदर के बारे में उस खबर से हमें शॉक लगा. हमने विजेंदर या उसके परिवार के किसी भी सदस्य को कभी स्मोकिंग करते नहीं देखा, ड्रग्स की बात तो दूर. इतना बड़ा खिलाड़ी और साफ छवि का विजेंदर ड्रग्स लेगा, यह हमारी सोच से बाहर है.
एक अन्य गांववासी हजारी सिंह ने कहा कि एक दशक से वह अच्छा खेल दिखा रहा है और उसका इस विवाद में उलझना दुर्भाग्यपूर्ण है. वह इतने समय से नेशनल टीम में है, यदि वह डोपिंग करता होता तो कब का पकड़ा जा चुका होगा.
हालांकि कुछ लोगों ने दबी आवाज में कहा कि चाहे जो भी है, विजेंदर को अपनी निर्दोषिता साबित करनी ही होगी.
एक गांववासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हम जानते हैं कि विजेंदर काफी इज्जत वाला इंसान है. वह गांव में हर व्यक्ति का आदर करता है. लेकिन हम इस आधार पर उसकी छवि निर्धारित नहीं कर सकते. गांव के बाहर भी उसकी जिंदगी है. अगर वह निर्दोष है तो उसे सामने आना चाहिए और इसे साबित करना चाहिए.