मोदी सरकार ने अपने ही मंत्री जनरल वीके सिंह को असहज स्थिति में डाल दिया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सेना के वाइस चीफ दलबीर सिंह सुहाग के प्रमोशन को सही ठहराया है. साथ ही कहा है कि सेना के पूर्व अध्यक्ष जनरल वीके सिंह द्वारा दलबीर सिंह सुहाग पर लगाया गया बैन अवैध, असंगत और पूर्वनियोजित था. इस आशय की खबर अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने दी है.
जनरल वीके सिंह मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री और पूर्वोत्तर राज्य विकास मंत्री के पद पर कार्यरत है.
आपको बता दें कि यूपीए 2 ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग को अगला सेना प्रमुख नियुक्त किया था. मौजूदा सेनाध्यक्ष बिक्रम सिंह 31 जुलाई को रिटायर होंगे.
दरअसल, लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने दलबीर सिंह सुहाग के प्रमोशन को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने इस फैसले को पक्षपातपूर्ण बताया था. इस याचिका के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा है कि सुहाग के खिलाफ अप्रैल और मई 2012 में तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने 'बिना किसी वजह या सबूत के' अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी.
गौरतलब है कि वीके सिंह ने असम में एक खुफिया अभियान के सिलसिले में सुहाग पर ‘अनुशासनात्मक और सतर्कता’ प्रतिबंध लगा दिया था जिसे लेकर विवाद भी हुआ. उस समय 2 कोर कमांडर की भूमिका निभा रहे सुहाग से मई 2012 में जनरल बिक्रम सिंह के कामकाज संभालने के तत्काल बाद प्रतिबंध हटा लिया गया था.