नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अल्टीमेट और सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत ना मिलने के बाद कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सवैगन ने जुर्माने के 100 करोड़ रुपये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के पास जमा कर दिया है.
फॉक्सवैगन कंपनी को एनजीटी की तरफ से आज (शुक्रवार) शाम तक की मोहलत इस रकम को जमा कराने के लिए दी गई थी. एनजीटी ने साफ कर दिया था कि अगर शाम 5 बजे तक यह रकम नहीं जमा हुई तो फॉक्सवैगन की भारत में संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा और एमडी को गिरफ्तार किया जाएगा.
कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सवैगन ने कार्बन उत्सर्जन को कम दिखाने के लिए कारों में एक सॉफ्टवेयर लगाया था जैसे पर्यावरण को कारों से होने वाले प्रदूषण के चलते एनजीटी द्वारा 171 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. जिसमें से फिलहाल 100 करोड़ रुपये जमा कराने का एनजीटी ने आदेश दिया था.
हालांकि बाद में एनजीटी के आदेश को फॉक्सवैगन कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई के लिए तो तैयार हो गई लेकिन जुर्माने की रकम पर स्टे लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार कर दिया जिसके बाद एनजीटी ने शुक्रवार शाम 5 बजे तक का जुर्माना जमा कराने के लिए कंपनी को अल्टीमेटम दिया था.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट फॉक्सवैगन की याचिका पर 21 जनवरी को सुनवाई करेगा, हालांकि कार बनाने वाली इस कंपनी को कोर्ट से राहत मिलेगी इसकी उम्मीद कम ही है. फॉक्सवैगन कंपनी ने पहली बार 2015 में ये माना था कि उसने 2008 से 2015 के बीच दुनियाभर में बेची गई 1.11 करोड़ गाड़ियों में 'डिफीट डिवाइस' लगाई थी.
फॉक्सवैगन को इस हेरफेर के कारण अब तक अलग-अलग जगहों पर अरबों रुपये का जुर्माना देना पड़ा है. कंपनी सिर्फ जर्मनी में ही करीब 8,300 करोड़ रुपये का जुर्माना भर चुकी है. साथ ही कंपनी के कुछ शीर्ष अधिकारियों को इस मामले में जेल भी हुई है.