कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के तमाम नेता किस तरह पाकिस्तान से करोड़ों रुपए लेकर कश्मीर में हिंसा फैलाने में लगे हैं, आज तक और इंडिया टुडे पर इसके खुलासे के बाद चारों तरफ तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली हैं. यहां तक कि कश्मीर समस्या को लेकर हुर्रियत को बातचीत में शामिल करने की पैरवी करने वाले नेता भी इस रिपोर्ट के बाद सकते में हैं. लेफ्ट पार्टी के नेता इस बात की पुरजोर वकालत करते रहे हैं कि कश्मीर को लेकर सरकार को बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाना चाहिए और वहां की तमाम पार्टियों समेत हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को बातचीत में शामिल किया जाना चाहिए.
आजतक के खुलासे पर क्या बोलीं वृंदा करात?
आज तक और इंडिया टुडे द्वारा हुर्रियत नेताओं के स्टिंग बाद इस बारे में पूछे जाने पर सीपीएम की नेता वृंदा करात ने भी कहा कि रिपोर्ट में जो कुछ दिखाया जा रहा है वह बेहद चौंकाने वाला और काफी गंभीर मामला है. उन्होंने मांग की कि सरकार को फौरन इस मामले में जांच करानी चाहिए और जो कुछ कैमरे पर दिखने वाली बातें सच हैं तो इन लोगों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए.
वृंदा करात ने कहा कि आज तक और इंडिया टुडे की रिपोर्ट आंखें खोलने वाली है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत का रास्ता बंद कर देना चाहिए. उनका कहना था कि हुर्रियत के कुछ नेता पाकिस्तान से और हाफिज सईद से मदद लेकर भले ही हिंसा भड़का रहे हो लेकिन बातचीत का रास्ता बंद करने से कश्मीर समस्या का हल नहीं निकलेगा.
यहां हम आपको बताते चलें कि आज तक की रिपोर्ट में दिखाया गया कि किस तरह कश्मीर में हुर्रियत के नेता खुलेआम यह कह रहे हैं कि वह पाकिस्तान से सैकड़ों करोड़ रुपए लेकर कश्मीर घाटी में हिंसा फैला रहे हैं और यहां तक की स्कूल और अस्पतालों को भी जला रहे हैं. हुर्रियत के नेता यहां तक कह रहे हैं कि आतंकवादी हाफिज सईद भी कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए पैसे भेजता है.
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया के तौर पर वृंदा करात कहती हैं कि आजतक के रिपोर्ट में जो दिखाया गया है उसे यह बात और भी अच्छी तरह से साबित होती है कि कश्मीर को लेकर मोदी सरकार की नीतियां बुरी तरह से विफल साबित हुई है. उसी का नतीजा यह है कि पाकिस्तान को कश्मीर में अपना प्रभाव बढ़ाने का मौका मिल रहा है. वृंदा करात ने कहा कि लेफ्ट पार्टियां लगातार यह कहती रही हैं कि कश्मीर के लोगों से बातचीत करने के बजाय उन पर गोलियां बरसाने से या उन्हें ताकत से कुचलने से हल निकालने वाला नहीं है.
गौरतलब है कि जनवरी के महीने में बीजेपी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में 5 लोगों का एक दल कश्मीर गया था और कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए अपनी तरफ से पहल की थी. कश्मीर में कई दौर की यात्रा करने के बाद और हुर्रियत के तमाम नेताओं सहित दूसरी पार्टियों से बात करने के बाद यशवंत सिन्हा और उनके साथ के लोगों ने इस बात की जोरदार पैरवी की थी कि कश्मीर पर किसी भी बातचीत में हुर्रियत के नेताओं को जरूर शामिल किया जाना चाहिए. लेकिन आजतक की रिपोर्ट के बाद इनलोगों की बोलती बंद है और इनमें से यशवंत सिन्हा समेत सभी लोग इस बारे में पूछे जाने पर किसी न किसी बहाने से बातचीत करने से बचते रहें और आजतक के सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया.