मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले और इससे जुड़ी मौतों के मामले की जांच करते हुए अपनी जान गंवाने वाले आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह के विसरा का 1 सैंपल लेने से AIIMS ने इनकार कर दिया है. हालांकि अस्पताल ने अक्षय का दूसरा सैंपल ले लिया है. AIIMS को विसरा के कुल 2 सैंपल दिए गए थे.
दूसरे सैंपल की जांच CFSL को सौंपा
AIIMS के फॉरेंसिक विभाग के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि विसरा की मेडिकल संबंधी जांच एम्स में ही होगी. यानी हार्ट और टिश्यू विसरा की जांच AIIMS में होगी. विसरा का दूसरा सैंपल केमिकल जांच के लिए है, जो CFSL भेजा गया है. इससे जहर से जुड़ी जांच हो सकेगी.
AIIMS ने अक्षय सिंह का 1 विसरा लेने से इनकार करने की वजह यह बताई है कि विसरा मध्य प्रदेश से काफी देर बाद दिल्ली लाया गया. अस्पताल प्रशासन ने 4 दिन देर हो जाने की बात कही है.
'AIIMS में नहीं हैं वैसी सुविधाएं'
AIIMS का कहना है कि इतनी देर बाद पहुंचे विसरा की जांच करने लायक उसके पास सुविधाएं नहीं हैं. अस्पताल से मध्य प्रदेश सरकार को इस बारे में जवाब भेजा है.
अक्षय की मौत मामले में नया मोड़
अस्पताल के इस रुख के बाद अक्षय सिंह की मौत की जांच का मामला दूसरा मोड़ लेता नजर आ रहा है. विसरा की जांच पर सवाल खड़े हो गए हैं.
'खूनी' व्यापम केस की जांच कर रहे थे अक्षय
गौरतलब है कि आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह व्यापम घोटाले और संदिग्ध हालात में हुई मौत मामले की तहकीकात कर रहे थे. इसी दौरान अक्षय की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी. मध्य प्रदेश सरकार ने अक्षय के विसरा को पोस्टमार्टम के लिए AIIMS भेज दिया था.
रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के साथ यह मामला और गहरा गया है . यह रिपोर्ट 9 जनवरी 2012 की है, जिस पर डॉ. बी बी पुरोहित फॉरेंसिक मेडिसिन, डॉ. ओ पी गुप्ता चिकित्सा अधिकारी औक डॉ. अनीता जोशी स्त्री रोग विशेषज्ञ के दस्तखत हैं.
कहीं नहीं लिखी सुसाइड की बात: डॉक्टर
रिपोर्ट में मौत से पहले सेक्स की संभावना खारिज करने के लिए हिस्टोपैथालॉजिकल टेस्ट की सलाह दी गई थी. यह पोस्टमॉर्टम उज्जैन जिला अस्पताल में किया गया था और नम्रता का शव पुलिस थाना क्षेत्र में रेल पटरियों के पास पाया गया था. नम्रता के शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर दल के सदस्य डॉ. पुरोहित ने बताया कि संक्षिप्त पीएम रिपोर्ट (पोस्टमार्टम) और विस्तृत पीएम रिपोर्ट में हमने कहीं भी सुसाइड की बात नहीं लिखी थी. जिस समय यह शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया था, तब तक उसकी शिनाख्त नहीं हुई थी. शव के चेहरे पर तीन जगह नाखून से चोट के निशान थे.
फिर होगी मामले की जांच
इस बीच, उज्जैन के एसपी मनोहर सिंह वर्मा ने बताया कि नम्रता डामोर की मौत की फिर से जांच कराने के आदेश दिए गये हैं. तराना के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओपी) आर के शर्मा इस मामले की जांच करेंगे. एसपी ने बताया कि पुलिस ने पहले इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया था. लेकिन बाद में इसे हादसा करार देकर केस बंद कर दिया गया था.
मौत का व्यापम
व्यापम घोटाले से जुड़े 48 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. मंगलवार सुबह व्यापम घोटाले में पूछताछ का सामना कर रहे एक कॉन्स्टेबल का शव मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में एक कमरे में पंखे में लटकता पाया गया था. मंगलवार को ही चौतरफा दबाव के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने व्यापम घोटाले की CBI जांच की मांग मान ली थी. उन्होंने कहा था, 'मध्य प्रदेश सरकार ने व्यापम घोटाले की जांच CBI से कराने की सिफारिश करेगी.'