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व्यापम घोटालाः संघ के बाद मोदी की शरण में शिवराज सिंह चौहान

व्यापम घोटाले में परिवार के लोगों पर आरोप लगने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैकफुट पर हैं. ऐसे में शायद शिवराज को भी एहसास है कि अब उनके लिए संघ और नरेंद्र मोदी ही सहारा हैं.

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नरेंद्र मोदी के साथ शिवराज सिंह चौहान
नरेंद्र मोदी के साथ शिवराज सिंह चौहान

व्यापम घोटाले में परिवार के लोगों पर आरोप लगने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैकफुट पर हैं. उनकी साफ छवि को गहरा झटका लगा है, जो बीजेपी और आरएसएस के लिए चिंता का सबब बन गया है. संघ की नाराजगी इस बात को लेकर है कि घोटाले की आंच उसके दरवाजे तक पहुंच गई. वहीं बीजेपी हाईकमान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हो रही किरकिरी को लेकर चिंतित है.

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ऐसे में शायद शिवराज को भी एहसास है कि अब उनके लिए संघ और नरेंद्र मोदी ही सहारा हैं. तभी तो शिवराज ने रविवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की और सोमवार को पहुंच गए नरेंद्र मोदी के दरबार में.

मोदी से मिले शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से उनके दफ्तर में मुलाकात की. मुलाकात का मुख्य एजेंडा क्या था? यह तो साफ नहीं हुआ पर मीटिंग में व्यापम घोटाले को लेकर मचे सियासी घमासान पर भी चर्चा हुई. मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें भी जारी की.

शिवराज सिंह ने इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू से भी मुलाकात की.

संघ की शरण में शिवराज
मध्य प्रदेश के मोहनखेड़ा में आरएसएस की 1 से 8 जुलाई तक चलने वाली प्रांत प्रचारक बैठक में रविवार को अचानक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंच गए. माना जा रहा है कि शिवराज व्यापम घोटाले में संघ के नेताओं के नाम आने पर सफाई देने पहुंचे. दरअसल, व्यापम घोटाले में संघ के नेताओं के नाम आने से संघ की नजरें टेढ़ी हो रही थीं. शिवराज यहां संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिले. वे करीब 3 घंटे तक मोहनखेड़ा में रुके. हालांकि वे यह कहने से नहीं चूके कि व्यापम पर कोई बात नहीं हुई. शिवराज ने मोहन भागवत, भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी से चर्चा की. वे इसे महज शिष्टाचार भेंट बता रहे हैं.

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व्यापम घोटाले में आया संघ नेता सुरेश सोनी और के सी सुदर्शन का नाम
संघ के दो बड़े चेहरों के नाम व्यापम घोटाले में आया है. व्यापम के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी ने घोटाले में सनसनीखेज खुलासा किया था. त्रिवेदी के मुताबिक करीब दो हजार करोड़ रुपये के घोटाले में पूर्व सरसंघचालक केएस सुदर्शन और संघ के पदाधिकारी सुरेश सोनी भी शामिल थे. व्यापम घोटाले के आरोपी मिहिर ने एसटीएफ को दिए बयान में साफ कहा था कि मिहिर ने पूर्व संघ प्रमुख के सी सुदर्शन से परीक्षा में पास कराने के लिए पैरवी करने को कहा था और इसके बाद सुदर्शन जी मध्यप्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा जी से बात की थी.

शिवराज के परिवार का आया नाम
कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा ने आरोप लगाया था कि परिवहन आरक्षक भर्ती में 19 लोगों की भर्ती मुख्यमंत्री के ससुराल गोंदिया से हुई है और उसमें शिवराज सिंह की पत्नी का हाथ है. मिश्रा ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री निवास से 139 कॉल भी आरोपी पंकज त्रिवेदी और नितिन महेंद्रा को किए गए है. मिश्रा ने शिवराज सिंह के मामा फूल सिंह चौहान को भी व्यापम घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था.

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