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जानें- Gaganyaan मिशन में क्या करेगी हाफ ह्यूमोनाइड महिला रोबोट व्योममित्र?

आखिर इसरो स्पेस में क्यों नहीं भेज रहा है जानवर? उसने रोबोट भेजने की योजना क्यों बनाई? ये महिला रोबोट हाफ ह्यूमेनॉयड व्योममित्र का काम गगनयान में क्या होगा? उसे क्यों इस साल दिसंबर में लॉन्च होने वाले मानवरहित गगनयान मिशन का हिस्सा बनाया गया है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब...

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अर्दधमानव महिला रोबोट व्योममित्र अंतरिक्ष में रखेगी गगनयान पर नजर. (फाइल फोटो)
अर्दधमानव महिला रोबोट व्योममित्र अंतरिक्ष में रखेगी गगनयान पर नजर. (फाइल फोटो)

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  • व्योममित्र को अंतरिक्षयात्रियों के साथ नहीं भेजा जाएगा
  • यह रोबोट गगनयान की सभी प्रणालियों पर रखेगी नजर

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) दिसंबर 2020 में गगनयान के पहले मानवरहित मिशन में हाफ ह्यूमेनॉयड (Half Humanoid) व्योममित्र (Vyommitra) को भेजेगा. महिला रोबोट गगनयान में भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के साथ नहीं जाएगी. इसे सिर्फ गगनयान मिशन के पहले मानवरहित लॉन्चिंग का हिस्सा बनाया जाएगा.

इसरो प्रमुख डॉ. के. सिवन ने बताया है कि व्योममित्र अंतरिक्ष में होने वाले हलचलों और यान की कार्यप्रणाली पर नजर रखेगी. गगनयान की यात्रा के दौरान व्योममित्र यहा पता करेगी कि अंतरिक्ष में इंसानों पर क्या असर पड़ेगा. व्योममित्र यह जानकारी भी देगी कि गगनयान की सारी प्रणाली सही से काम कर रही है कि नहीं. व्योममित्र रोबोट के बारे में ये बड़ी जानकारी है कि इसके पैर नहीं हैं. मतलब जरूरतों के मुताबिक सिर्फ इसका धड़ बनाया गया है पैर नहीं यानी यह हाफ ह्यूमेनॉयड है.

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गगनयान मिशन दिसंबर 2021 में लॉन्च किया जाएगा. लेकिन इससे पहले दो मानवरहित मिशन होंगे. पहला मिशन इस साल दिसंबर में होगा. इसी मिशन में एक महिला रोबोट को गगनयान में बिठाकर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. दूसरा मानवरहित मिशन जून-जुलाई 2021 में भेजा जाएगा.

व्योममित्र अपने सेंसर्स के जरिए यह पता करेगी कि गगनयान के कैमरे, स्पीकर, माइक्रोफोन, दिशा निर्धारक यंत्र आदि सब सही से काम कर रहे हैं कि नहीं. रोबोट भेजने के पहले यह चर्चा भी थी इसरो मानवरहित मिशन में जानवर भेज सकता है. लेकिन इसरो ने इससे साफ मना कर दिया है.

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रूस और अमेरिका ने जब अंतरिक्ष में जानवरों को भेजा था, तब आज की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी मौजूद नहीं थी. ह्यूमेनॉयड रोबोट्स बनाए नहीं गए थे. लेकिन अब हम सारी टेस्टिंग ह्यूमेनॉयड के जरिए कर सकते हैं तो जानवरों को क्यों परेशान किया जाए.

मानवरहित मिशन के बाद आए नतीजों से यह निर्धारित किया जाएगा कि गगनयान की लॉन्चिंग के समय व्योममित्र को भेजा जाए या नहीं. क्योंकि गगनयान में सिर्फ तीन ही गगननॉट्स की जगह है. ऐसे में गगनयान में रोबोट भेजना कितना कारगर होगा, यह अभी तय कर पाना मुश्किल है.

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इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने बताया कि यह एक हाफ ह्यूमेनॉयड रोबोट है. इसका नाम है व्योममित्र. इस ह्यूमेनॉयड रोबोट में मानव शरीर से संबंधित कुछ मशीनें लगी हैं जो अंतरिक्ष में मानव शरीर संरचना पर होने वाले बदलावों का अध्ययन करेगी.

गौरतलब है कि 2011 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने रोबोनॉट को अंतरिक्ष में भेजा था. इसके बाद 2013 में जापान ने किरोबो को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजा था. 2019 में रूस ने फेडोर नाम के रोबोट को ISS पर भेजा था.

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