आईसीसी और वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) द्वारा क्रिकेट खिलाडि़यों के लिए बनाए गए नियमों का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने विरोध किया है. बोर्ड ने कहा है कि वह इसम मामले में टीम इंडिया का साथ देगी. बोर्ड ने यह भी कहा है कि वह आईसीसी की बैठक में इसका विरोध करेगी. भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी पहले ही इसका विरोध कर चुके हैं.
वाडा के नये नियम क्रिकेटरों को गुलाम बना देंगे. घर या बाहर, कमरे में या मैदान पर- वो जो भी करेंगे उसका हिसाब उन्हें वाडा को देना होगा. इतना ही नहीं उनका का एक पूरा घंटा वाडा के नाम होगा, वो भी एक दिन नहीं, हर रोज. उपर से वाडा ने एक लिस्ट थमाई है जिसके दायरे में रहकर ही उन्हें खाने पीने या दवाई लेने की छूट होगी. लेकिन खिलाडि़यों की दिक्कत ये है कि अगर इन्हें खेलना है तो इन्हें साइन करना ही पड़ेगा क्योंकि आईसीसी ने वाडा यानि वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी से करार कर लिया है और वो करार क्रिकेट खेलने वाले सभी अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ियों पर लागू होता है.
करार करने वाले खिलाड़ी को सुबह 6 बजे से रात ग्यारह बजे के बीच का कोई एक घंटा वाडा के नाम करना होगा. मतलब ये कि उसे बताना होगा कि वो उस घंटे कहां होगा. उस जगह की पूरी डिटेल उसे देनी होगी. ऐसा इसलिए ताकि अगर वाडा उसे खिलाड़ी को डोप टेस्ट करना चाहे तो वो उस घंटे में उस जगह पर जाकर सैंपल ले सके.
फिलहाल लगातार तीन महीने तक खिलाड़ियों को हर रोज ये जानकारी वाडा को देनी है. अगर कोई खिलाड़ी जानकारी दी हुई जगह पर नहीं मिलता है और 18 महीने के भीतर ऐसा तीन बार होता है तो उसपर एक से दो साल तक की पाबंदी लग सकती है. पाबंदी लगने की तलवार तो लटकने के साथ ही खिलाडि़यों की प्राइवेसी भी भंग होगी. यानि कोई खिलाड़ी ये कहकर कहीं भी नहीं जा सकता है कि ये उसका प्राइवेट मसला है, वो क्यूं किसी को बताए. वो चाहे किसी और को बताये या न बताये वाडा को तो बताना ही होगा. इन्हीं सब बातों को लेकर इतना बवाल हो रहा है.