पाकिस्तान में वाघा बॉर्डर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद सरहद के इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है. लाहौर से दिल्ली आनेवाली बस की सीमा पर तलाशी ली गई. धमाके के बाद बीएसएफ अलर्ट पर है. वाघा बॉर्डर पर होनेवाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी तीन दिनों के लिए बंद कर दी गई है.
रविवार शाम पाकिस्तान सीमा में वाघा बार्डर से करीब 500 मीटर दूर हुए धमाके में 60 लोगों की मौत हो गई है जबकि करीब 200 लोग घायल हैं. लाहौर-नई दिल्ली बस आज करीब दो दर्जन मुसाफिरों के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच वाघा बॉर्डर पहुंची. बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच कंपनी कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग के बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी बंद करने का फैसला लिया गया है.
सीमा सुरक्षा बल के पंजाब फ्रंटियर के आईजी अशोक कुमार ने बताया कि ऐसा पाकिस्तान रेंजर्स के अनुरोध पर किया गया है. पाकिस्तान को बार्डर पर हुई इस घटना से उबरने के लिए कुछ समय चाहिए था. आईजी ने बताया कि बॉर्डर पर बीएसएफ के जवान लगातार चौकसी बनाए हुए हैं और उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है.
वाघा बॉर्डर पर हुए धमाके की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा करते हुए इसपर गहरा दुख जताया है. पूरे मामले पर गृह मंत्रालय की भी पैनी नजर है.
हमले का क्रेडिट लेने की होड़
इस वक्त पूरा पाकिस्तान आत्मघाती हमले से सदमे में है लेकिन हैरानी इस बात की भी है कि पाकिस्तान में ही इस हमले की जिम्मेदारी लेने के लिए वहां के आतंकी संगठनों में होड़ मची है. शायद वो जताना चाहते हैं कि हमसे खतरनाक कोई और नहीं.
वाघा बॉर्डर ब्लास्ट की जिम्मेदारी सबसे पहले जुंदल्लाह आतंकी संगठन ने ली. ये पाकिस्तान का आतंकी संगठन है, जो मुख्य रूप से पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में सक्रिय है. हालांकि एक दूसरा आतंकी संगठन तहरीके तालिबान पाकिस्तान भी इस हमले की जिम्मेदारी ले रहा है. इसका दावा है कि उसके फिदायीन आतंकी हाफिज हनीफुल्लाह ने इस धमाके को अंजाम दिया है. इसके अलावा जमात उल अहरार नाम का आतंकी संगठन भी आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ले रहा है.