असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने शुक्रवार को कहा कि उल्फा के ‘कमांडर इन चीफ’ परेश बरुआ को छोड़कर इसके अधिकतर नेताओं की तरफ से शांति वार्ता के सकारात्मक संकेत हैं. गोगोई ने कहा, ‘‘हमारी तरफ से बातचीत के प्रयास किये गये हैं. जब तक हमें उल्फा की तरफ से औपचारिक संदेश नहीं मिल जाता हम बातचीत कैसे कर सकते हैं. हालांकि उनके ‘कमांडर इन चीफ’ परेश बरुआ को छोड़कर अधिकतर उल्फा नेताओं की तरफ से सकारात्मक संकेत हैं.’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि परेश बरुआ बातचीत के लिए आगे आते हैं तो अच्छी बात है. यदि वह नहीं आते तो ठीक है. उनके अधिकतर कैडर बातचीत के लिए तैयार हैं.’’ जब गोगोई से पूछा गया कि क्या सरकार उल्फा अध्यक्ष अरविंद राजखोवा को बातचीत के लिए रिहा करेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘जब वे वार्ता के लिए आते हैं तो हम पूरे सम्मान से बात करेंगे.’’
वार्ता में संप्रभुता के मुद्दे पर चर्चा के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘संप्रभुता के मुद्दे पर समय बर्बाद करने से कोई फायदा नहीं. जनता ने सभी चुनावों में इस मुद्दे को खारिज कर दिया है. इसलिए इस पर चर्चा क्यों हो.’’ असम को कश्मीर की तरह विशेष दर्जा दिये जाने के वैकल्पिक मुद्दे पर बातचीत की संभावना पर गोगोई ने कहा, ‘‘उन्हें मुद्दा उठाने दें तब हम देखेंगे कि यह असम के हित में है या नहीं.’’