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ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे का वांछित पीसीपीए नेता मुठभेड़ में ढेर

सुरक्षा बलों को मिली एक महत्वपूर्ण कामयाबी में ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे के मुख्य संदिग्ध माओवादी समर्थित पीसीपीए के नेता उमाकांत महतो आज तड़के मुठभेड़ में मारा गया.

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सुरक्षा बलों को मिली एक महत्वपूर्ण कामयाबी में ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे के मुख्य संदिग्ध माओवादी समर्थित पीसीपीए के नेता उमाकांत महतो आज तड़के पश्चिमी मिदनापुर जिले में संयुक्त बल के जवानों से हुई मुठभेड़ में मारा गया.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्थानीय निवासियों द्वारा एक लाख रुपए के इनामी महतो के अपने कुछ साथियों के साथ लोढ़ासुली के जंगल के नजदीक मोहनपुर में छुपे होने की सूचना दिये जाने पर सीआरपीएफ, कोबरा तथा पुलिस के संयुक्त दल ने कल देर रात उस इलाके की घेराबंदी की थी.

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों से घिरने के बाद महतो और उसके साथियों ने सुरक्षा बल के जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी. अपर संयुक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार के नेतृत्व वाले संयुक्त बलों ने जवाबी कार्रवाई की. दोनों ओर से गोलीबारी का सिलसिला सुबह पांच बजे तक चला.

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सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी बंद होने के बाद जंगल में दाखिल हुए सुरक्षा बलों के जवानों ने महतो का शव बरामद किया. उसके शव के पास एक मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन तथा पिस्तौल भी पाई गई.

झाड़ग्राम के पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि यह सुरक्षा बलों की महत्वपूर्ण कामयाबी है. महतो सीबीआई द्वारा एक लाख रुपए का इनाम घोषित किये जाने के बाद से फरार था.
सीबीआई गत 28 मई को हुए ज्ञानेश्वरी ट्रेन कांड की जांच कर रही है. उस वारदात में 148 यात्री मारे गए थे.

पीपुल्स कमेटी अगेंस्ट पुलिस एट्रोसिटीज (पीसीपीए) के संयोजक और एक लाख रुपए के इनामी अपराधी छत्रधर महतो की गिरफ्तारी के बाद संगठन की बागडोर सम्भालने वाला पीसीपीए प्रवक्ता असित महतो अब ज्ञानेश्वरी कांड में वांछित एकमात्र व्यक्ति है. असित इस वक्त पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

एक लाख रुपए के इनामी एक अन्य पीसीपीए नेता बापी महतो को इससे पहले झारखंड में जमशेदपुर के नजदीक गिरफ्तार कर लिया गया था.

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