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मैं सियासी वजहों से जेल भेजा गया: डीजी वंजारा

इशरत जहां और सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामलों में आरोपी विवादास्पद पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा करीब साढ़े सात साल बाद जेल से रिहा हुए हैं. बुधवार को साबरमती सेंट्रल जेल से बाहर आने वाले वंजारा को जिन शर्तों पर जमानत मिली है, उसके तहत वो गुजरात में नहीं रह सकते. लिहाजा, वो जेल से सीधा मुंबई आ गए.

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डीजी वंजारा (फाइल फोटो)
डीजी वंजारा (फाइल फोटो)

इशरत जहां और सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामलों में आरोपी विवादास्पद पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा करीब साढ़े सात साल बाद जेल से रिहा हुए हैं. बुधवार को साबरमती सेंट्रल जेल से बाहर आने वाले वंजारा को जिन शर्तों पर जमानत मिली है, उसके तहत वो गुजरात में नहीं रह सकते. लिहाजा, वो जेल से सीधा मुंबई आ गए.

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पुलिस की खाकी वर्दी से इतर अब वंजारा के बदन पर नेता की तरह सफेद कुर्ता नजर आता है. इसके ऊपर वह मोदी जैकेट भी पहनते हैं, लेकिन राजनीतिक सवालों पर कुछ भी बोलने से बचते हैं. जेल से रिहाई के बाद डीजी वंजारा से आजतक ने की खास बातचीत-

सवाल: साढ़े सात साल बाद जेल से बाहर निकले हैं. आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या है?

डीजी वंजारा: भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं. ठीक उसी तरीके से न्यायपालिका में देर है, लेकिन अंधेर नहीं है. न्याय मिलता है. सिर्फ धीरज रखने की जरूरत होती है.

सवाल: क्या इस रिहाई का श्रेय अमित शाह, नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार को जाता है?

डीजी वंजारा: ये एक कानूनी प्रक्रिया है. किसी व्यक्तिगत चीज या इंसान को बीच में लाने की जरूरत नहीं है.

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सवाल: जब तक कांग्रेस केंद्र में थी, आप बाहर नहीं निकले थे और बीजेपी के केंद्र में आते ही आपको जमानत मिल गई?

डीजी वंजारा: इसका श्रेय न्यायपालिका को जाता है. ये महज संयोग हो सकता है. न्यायपालिका को कोई खरीद नहीं सकता. न्यायपालिका तटस्थ न्याय देती है.

सवाल: आपके ऊपर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे हैं. आपका क्या कहना है, क्या एनकाउंटर वाकई फर्जी थे या आपको फंसाया गया है?

डीजी वंजारा: उस जमाने में सबसे ज्यादा एनकाउंटर यूपी में हुए थे और सबसे कम गुजरात में. लेकिन फिर भी सिर्फ गुजरात पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसके पीछे एक्स्ट्रा पॉलिटिकल रीजन थे.

सवाल: क्या कांग्रेस थी उनके पीछे?

डीजी वंजारा: हिंदुस्तान की राजनीति इसके पीछे थी.

सवाल: राजनीति या कोई राजनीतिक पार्टी?

डीजी वंजारा: वह राजनीति आप समझो ना. हर चीज को थोड़े ही बताया जाता है. कुछ बातें ऐसी होती हैं, जो हमसे बेहतर आप जानते हैं.

सवाल: राजनीति की बात आप कर रहे हैं. आपकी वेशभूषा देखकर नेता की छवि सामने आ रही है. क्या आप किसी राजनीतिक पार्टी या बीजेपी में शामिल होंगे?

डीजी वंजारा: मैं एक पुलिसवाला हूं और मुझे इस पर गर्व है. एक बार जो पुलिसवाला बनता है, हमेशा पुलिसवाला ही रहता है. मैंने जो काम किया, वह मेरा फर्ज था. मैं राष्ट्रनीति में हूं, राजनीति में नहीं. देश के लिए काम कर रहा था, कर रहा हूं और आगे भी करूंगा.

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सवाल: जेल से निकलने के बाद अमित शाह से कोई बात हुई आपकी? बधाई मिली?

डीजी वंजारा: मेरी अभी तक किसी से कोई बात नहीं हुई है.

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