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अगर बोस की जासूसी हुई, तो क्या तत्कालीन गृह मंत्री पटेल को जानकारी थी?: दिग्विजय सिंह

सुभाष चंद्र बोस की जासूसी मामले पर दिग्विजय सिंह ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को कटघरे में खड़ा कर दिया है. शनिवार को ट्विटर पर उन्होंने सवाल उठाए कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष चंद्र बोस की जासूसी करवाई तो क्या उस दौरान गृह मंत्री रहे सरदार पटेल को इसकी जानकारी थी?

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DIGVIJAY SINGH (FILE PHOTO)
DIGVIJAY SINGH (FILE PHOTO)

सुभाष चंद्र बोस की जासूसी मामले पर दिग्विजय सिंह ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को कटघरे में खड़ा कर दिया है. शनिवार को ट्विटर पर उन्होंने सवाल उठाए कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष चंद्र बोस की जासूसी करवाई, तो क्या उस दौरान गृह मंत्री रहे सरदार पटेल को इसकी जानकारी थी?

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दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया-

 

केवल पटेल ही नहीं, पंडित नेहरू पर लगे जासूसी के आरोपों का बचाव करते हुए कांग्रेस ने लालबहादुर शास्त्री, गोविंद बल्लभ पंत और कैलाशनाथ काटजू को भी लाइन में खड़ा कर दिया. यही नहीं, सिंह ने अमित शाह पर एक लड़की की जासूसी करने के आरोपों का भी सहारा लिया है. इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर नेताजी से जुड़े 'चुनिंदा' दस्तावेज लीक करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, 'सरकार ने नेहरू की छवि दागदार करने के चक्कर में बीजेपी ने सरदार पटेल और देश के तीन महान नेताओं को कलंकित किया है.'

दरअसल, IB के दस्तावेजों के हवाले से इंडिया टुडे ने ये खुलासा किया था कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने करीब दो दशकों तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदारों की जासूसी करवाई थी. गुप्त सूची से हाल ही में हटाई गईं इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की दो फाइलों से यह खुलासा हुआ है. फाइलों से पता चला है कि 1948 से 1968 के बीच सुभाष चंद्र बोस के परिवार पर अभूतपूर्व निगरानी रखी गई थी. इन 20 साल में से 16 साल तक नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे और आईबी उन्हीं के अंतर्गत काम करती थी.

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