अनिल माधव दवे की मृत्यु के बाद केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को पर्यावरण मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है. हर्षवर्धन ने सोमवार को पर्यावरण मंत्री का पद भार संभालते ही कहा कि जल और वायु प्रदूषण पूरे देश के लिए विशेषकर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है. मंत्रालय की प्राथमिकता इस समस्या का समाधान करने की है और इसके लिए वह लगातार प्रयास में है. प्रयास आगे भी जारी रहेगा.
हर्षवर्धन ने माना कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मामले में कई समस्याएं हैं, जिसके लिए ठोस प्रयासों की जरूरत है. हर्षवर्धन मानते हैं कि पर्यावरण की चिंताओं को विकास की नीतियों और कार्यक्रमों से जोड़ा जाए, ताकि भारत के विकास और प्रगति के लिए संतुलन स्थापित किया जा सके. यह संतुलन तभी बनाया जा सकता है, जब मंत्रालय आधुनिक तकनीक को अपनाकर मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाएं और नीतिगत प्रयासों को विकसित करें, ताकि पारदर्शिता जवाबदेही और समय पर कार्य करने में तेजी आ सके.
हर्षवर्धन ने इस मौके पर अनिल माधव दवे के किए कामों की तारीफ करते हुए कहा कि वह नदी संरक्षण और पर्यावरण के प्रति समर्पित थे. यही वजह थी कि वह पौधे लगाने, पेड़ों को पोषित और संरक्षित करने, नदियों और तालाबों की सफाई, रखरखाव पर खास ध्यान देते थे.
हर्षवर्धन का कहना है कि जिन काम की अनिल माधव दवे ने शुरुआत की थी, उनको आगे बढ़ाते हुए हमारे सामने जो चुनौती है उनका सामना करना होगा. हर्षवर्धन का कहना है कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए लोगों की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है, इसलिए इस ओर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. डॉ. हर्षवर्धन के पास पहले से साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय भी है.