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पानी का संवदेनशील मुद्दा भारत-पाक युद्ध करा सकता है: गिलानी के सलाहकार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के एक सलाहकार ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नदी जल बंटवारे का मुद्दा ‘संवेदनशील’ है और यह दोनों देशों के बीच युद्ध करा सकता है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के एक सलाहकार ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नदी जल बंटवारे का मुद्दा ‘संवेदनशील’ है और यह दोनों देशों के बीच युद्ध करा सकता है.

पाकिस्तान के योजना आयोग के उपाध्यक्ष सरदार आसिफ अली ने शनिवार को लाहौर में एक व्याख्यान के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही. उन्होंने दावा किया कि भारत को ‘पाकिस्तान के पानी की चोरी करना रोकना होगा क्योंकि पाकिस्तान इस मुद्दे पर जंग करने से नहीं हिचकेगा.’

अली ने कहा कि अगर भारत अधिक बांध बनाने की कोशिश करता है, जिनसे देश के हिस्से के पानी पर असर पड़ता हो तो पाकिस्तान जल मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय अदालत या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाकर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की मांग कर सकता है. पाकिस्तान सिंधु जल संधि से भी अलग हो सकता है और इसके नतीजों के लिये भारत जिम्मेदार होगा.

बहरहाल, अली ने यह भी स्वीकार किया कि समस्या का हल जज्बाती बातों से नहीं निकल सकता और मसला हल करने के लिये सिंधु जल संधि ही उचित मंच है. भारत के बगलीहार बांध से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए अली ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ इस परियोजना के जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान की ओर से कोई विरोध दर्ज नहीं कराया.

अली ने दावा किया कि कहा जाता है कि भारत ने बांध निर्माण से पहले मुशर्रफ प्रशासन को दो बार नोटिस भेजा था लेकिन तत्कालीन सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने दावा किया कि मुशर्रफ प्रशासन ने तभी आवाज उठायी जब बांध का परिचालन शुरू हो गया. अली ने कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे से निपटने में मुशर्रफ के अत्यधिक विलंब के चलते इसे मध्यस्थता वाला मामला नहीं बना पाया.

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