scorecardresearch
 

अलपन बंदोपाध्याय पर टकराव और तेज, DoPT मंत्रालय ने भेजा कारण बताओ नोटिस, सुबह 10 बजे तलब किया

सुबह 10 बजे तक मुख्य सचिव अलपन ने दिल्ली रिपोर्ट नहीं किया. इसकी बजाए सुबह के 11 बजे वो कोलकाता में राज्य सचिवालय पहुंचे. यहां उन्हें ममता बनर्जी के साथ यास तूफान और कोरोना से जुड़ी बैठक में हिस्सा लेना था. इससे जाहिर हुआ कि ममता सरकार ने केंद्र के फरमान को ठुकरा दिया था. 

Advertisement
X
केंद्र और ममता सरकार में तकरार बढ़ी (पीटीआई)
केंद्र और ममता सरकार में तकरार बढ़ी (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रिटायर होने के बाद भी कार्रवाई की तैयारी है
  • DoPT ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है

60 घंटे की तबादला कथा, केंद्र और ममता बनर्जी के बीच एक नई तनातनी में बदल गई है. ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव को रिलीव करने से इनकार करते हुए अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान करके नई लड़ाई छेड़ दी है. वहीं, केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई का मूड बना लिया है. 

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को रिपोर्ट करने में विफल रहने के लिए अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. DoPT मंत्रालय ने पूछा है कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना हो? साथ ही मंगलवार 10 बजे तक  रिपोर्ट करने को कहा है.

बता दें कि, केंद्र सरकार ने 28 तारीख को उन्हें दिल्ली अटैच करने का आदेश दिया था. उसी दिन पीएम मोदी के साथ बैठक को लेकर विवाद सामने आया था. सोमवार सुबह 10 बजे उन्हें दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित DOPT यानी डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग में रिपोर्ट करना था, मगर 60 घंटे बाद जो हुआ उसने केंद्र के आदेश को ताक पर रख दिया. 

सुबह 10 बजे तक मुख्य सचिव अलपन ने दिल्ली रिपोर्ट नहीं किया. इसकी बजाए सुबह के 11 बजे वो कोलकाता में राज्य सचिवालय पहुंचे. यहां उन्हें ममता बनर्जी के साथ यास तूफान और कोरोना से जुड़ी बैठक में हिस्सा लेना था. इससे जाहिर हुआ कि ममता सरकार ने केंद्र के फरमान को ठुकरा दिया था. 

Advertisement

कौन हैं अलपन बंदोपाध्याय, जिनपर आमने-सामने हैं ममता और मोदी सरकार 

दिल्ली अटैच करने का फरमान आखिर क्यों?

5 पन्नों की लंबी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने केंद्र के फैसले पर एक खास वजह से हैरानी जताई. ममता ने लिखा कि जिस केंद्र सरकार ने उनकी सिफारिश पर 24 मई को मुख्य सचिव अलपन की नौकरी को इस कारण 3 महीने बढ़ाने पर सहमति जता दी थी कि पश्चिम बंगाल कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है, उसी ने 28 मई को उन्हें दिल्ली अटैच करने का फरमान आखिर क्यों जारी कर दिया?

ऐसे में ममता ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या इसका 28 मई को कलाईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात से कोई लेना-देना है? उम्मीद करती हूं इस आदेश का उस बैठक से कोई लेना-देना नहीं है. अगर ऐसा है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण होगा और गलत प्राथमिकताओं की वेदी पर जनहित की बलि चढ़ाने जैसा होगा. वहीं, ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि वो मुख्य सचिव अलपन को रिलीव नहीं कर सकती हैं. ममता ने इसके लिए राज्य के हालात और केंद्र सरकार के पिछले फैसले का हवाला दिया था. उन्होंने जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा खटखटाने के संकेत भी दे दिए.

बार-बार टकराव की क्या है वजह?

Advertisement

आखिर मोदी सरकार और ममता के बीच बार-बार टकराव क्यों होता है? क्या ये बीजेपी की हार की टीस है जैसा कि ममता कहती हैं या फिर ममता संघीय ढांचे को तोड़ने पर तुली हैं जैसा आरोप बीजेपी लगा रही है. ऐसे आरोपों के बीच एक बार फिर ममता जिद पर अड़ गई हैं और नया विवाद तूल पकड़ चुका है.

अलपन को क्यों टेक्स्ट बुक मैन कहा जाता ?

अलपन बंदोपाध्याय की जहां तक बात है तो प्रशासनिक तौर पर वो पश्चिम बंगाल के सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं. तूफान और कोरोना से लड़ाई में राज्य उन्हीं की देखरेख में आगे बढ़ रहा है. दूसरी तरफ वो मौजूदा सरकार के भी करीब हैं. अलपन बंदोपाध्याय ममता बनर्जी के बेहद करीबी नौकरशाह माने जाते हैं. उन्हें टेक्स्ट बुक मैन कहा जाता है यानी वो नियमों के पाबंद नौकरशाह माने जाते हैं. वो विवाद से दूर रहने वाले अफसरों में गिने जाते हैं. उनके करियर पर अब तक कोई धब्बा नहीं लगा है. लेकिन दो सरकारों के टकराव में अब उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तलवार लटक गई है.

इस मामले में किन बातों पर नजर है

-क्या केंद्र सरकार बंदोपाध्याय को अटैच करने के फैसले को रद्द करने के पश्चिम बंगाल सरकार के आग्रह को मान लेगी?

Advertisement

-क्या केंद्र सरकार बंदोपाध्याय के 3 महीने का एक्सटेंशन वापस लेगी? 

-क्या ये मामला कोर्ट में जाएगा? 

ये भी पढ़ें

Advertisement
Advertisement