पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अग्निपरीक्षा समझे जा रहे पंचायत चुनाव में 17 जिलों में से 11 में तृणमूल कांग्रेस विपक्षी लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस से आगे निकल गयी है. पंचायत चुनाव के प्रारंभिक नतीजों में यह बात सामने आयी है. तृणमूल कांग्रेस 6000 ग्राम पंचायत और पंचायत समिति निर्विरोध जीत चुकी है.
फिलहाल 17 जिलों के 329 मतगणना केंद्रों पर सोमवार को मतगणना चल रही है. मतगणना में दोपहर दो बजे तक सत्तारूढ़ पार्टी बांकुड़ा, पुरूलिया और पश्चिम मिदनापुर जिलों के जंगलमहल में काफी आगे चल रही थी जहां कभी माओवादियों की तूती बोलती थी. इन्हीं इलाकों में नंदीग्राम है.
वह दक्षिण और उत्तरी 24 परगना, नादिया, बीरभूम और कूचबिहार के अलावा मार्क्सवादियों की पारंपरिक पकड़े वाले बर्दवान और हुगली जिलों में आगे चल रही है.
बर्दवान जिले में तृणमूल ने 96 ग्राम पंचायतें जीती हैं जबकि लेफ्ट फ्रंट ने 14 और कांग्रेस एवं बीएसपी एक एक ग्राम पंचायत तक सीमित हो गयी.
नादिया जिले में तृणमूल कांग्रेस ने 40 ग्राम पंचायतों पर कब्जा कर लिया है जबकि लेफ्ट फ्रंट ने 21 और कांग्रेस ने छह ग्राम पंचायतें जीती हैं. पश्चिमी मिदनापुर में तृणमूल कांग्रेस ने 59, लेफ्ट फ्रंट ने 25 और कांग्रेस ने एक पंचायत जीती.
वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में मुंह की खाने वाले लेफ्ट फ्रंट के लिए इस चुनाव को अपने दमदार प्रदर्शन के लिए मौका समझा जा रहा था. लेफ्ट फ्रंट उत्तरी दिनाजपुर, मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में आगे चल रहा है.
केंद्रीय रेल राज्यमंत्री अधीर चौधरी के प्रभाव को लेकर कांग्रेस की पकड़ वाले क्षेत्र समझे जाने वाले मुर्शिदाबाद में लेफ्ट फ्रंट ने 16 ग्राम पंचायतें, कांग्रेस ने 12 और तृणमूल कांग्रेस ने एक ग्राम पंचायत जीती है.
करीब 58 हजार ग्राम पंचायतों के लिए मतपत्रों की गिनती चुनावकर्मियों ने शुरू की. अंतिम नतीजे मंगलवार तक आ जाने की संभावना है.
राज्य में पांच चरण में हुए पंचायत चुनाव में हिंसा में 20 लोग मारे गए. इस चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार के बीच गहरा टकराव पैदा हो गया और दोनों एक दूसरे के खिलाफ अदालत चले गए.