जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या मामले पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने दुख जताया है. कठुआ में 8 साल की बच्ची आसिफा के साथ हुए गैंगरेप पर उन्होंने कहा कि कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ जो हुआ उससे यही लगता है कि इन्सान होना एक गाली है. जानवर कहीं अच्छे हैं. केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से वीके सिंह ऐसे पहले कैबिनेट मंत्री हैं जिन्होंने इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठाई है.
'इन्सान होना एक गाली है'
वीके सिंह ने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें लिखा, 'इन्सान और जानवर में फर्क होना चाहिए और है भी. परन्तु कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ जो हुआ उससे यही लगता है कि इन्सान होना एक गाली है. जानवर कहीं अच्छे हैं. ऐसा शायद ही कोई होगा जो इस हृदय विदारक कुकृत्य की जघन्यता से भावुक न हुआ हो. परन्तु यह मैं भावनाओं को अलग रख कर कहना चाहता हूं कि अपराधियों को ऐसा दण्ड मिलना चाहिए कि उनका उदाहरण हमें पीढ़ी दर पीढ़ी याद रहे.'
'अपराधियों को बचाने वाले भी अपराधी'
उनके इस पोस्ट में आगे लिखा है, 'एक और चीज. जो लोग अपराधियों को धर्म की आड़ में शरण देना चाहते हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि वो भी अपराधियों की ही श्रेणी में गिने जाएंगे. आपका समर्थन यह दर्शाता है कि समय आने पर आप भी ऐसे कुकृत्य करने में सक्षम हैं. निर्णय लें कि आप किनके प्रतिनिधि बनना चाहते हैं.'
'देश और धर्म के नाम न पोतें कलंक'
उन्होंने आगे लिखा, 'कृपया अपने धर्म और देश के नाम पर ऐसा कलंक न पोतें जिसके हम न चाहते हुए भी भागीदार बनें. अरे दो मिनट उस परिवार का सोचो जिसकी 8 साल की बेटी उनसे इस नृशंसता के साथ छीन ली गई. कम से कम मैं चाहूंगा कि कानून अपना काम करे और दोषियों को उपयुक्त सबक सिखाए.'
आसिफा को मिलेगा न्याय- मुफ्ती
इससे पहले सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि मामले में कानून अपना काम करेगा. जांच में पूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है. तेजी से जांच चल रही है और मामले में आसिफा को न्याय मिलेगा.
राम माधव ने इस मामले पर कहा कि पार्टी बलात्कार के इस जघन्य अपराध की निंदा करती है. ऐसे अपराध मानव-विरोधी होते हैं और इस पर सांप्रदायिकता फैलाने के किसी भी प्रयास का स्पष्ट रूप से निंदा करने की आवश्यकता है. ऐसे वारदातों को करने वाले अपराधियों को कानून के प्रावधानों के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि दोबारा कोई ऐसे जघन्य अपराध न कर सके.
6 लोगों ने किया गैंगरेप
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पृष्ठों के दाखिल आरोपपत्र के मुताबिक, बच्ची को जनवरी में एक हफ्ते तक कठुआ के रासना गांव में देवीस्थान मंदिर में बंधक बना कर रखा गया था. उससे छह लोगों ने गैंगरेप किया था. बच्ची को नशीली दवा दे कर रखा गया था. उसकी हत्या से पहले दरिंदों ने उसे बार-बार हवस का शिकार बनाया था.
क्या है मामला
घटना जनवरी की है, गैंगरेप मृतका आसिफा को उसके गांव से 10 जनवरी को किडनैप किया गया, जिसके बाद उसे नशे का इंजेक्शन देकर एक हफ्ते तक उसके साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया. गैंगरेप की इस घटना में पुलिस अधिकारी और एक किशोर भी शामिल था. बच्ची से रेप के बाद उसे मंदिर से हटाया गया और उसे खत्म करने के लिए पास के जंगल में ले गए. जंगल में आरोपियों ने बच्ची के सिर को पत्थर से कुचला. इधर, घरवालों की शिकायत पर पुलिस ने 17 जनवरी को बच्ची का शव जंगल से बरामद किया. मामले में पुलिस ने सभी आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.