विशाखापट्टनम में अतंरराष्ट्रीय मेरिटाइम कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सियाचिन में 10 सैनिकों की शहादत पर अफसोस जताया और कहा कि हमने सियाचिन पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अब तक लगभग एक हजार सैनिक खो दिए हैं.
सियाचिन में शहीद हो चुके हैं 1 हजार सैनिक
रक्षा मंत्री ने सियाचिन से सेना के हटाए जाने के सवाल पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और इतना ही कहा कि सियाचिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है. उन्होंने कहा,
'वहां (सियाचिन) की भागौलिक स्थिति ऐसी है कि उस इलाके पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए हम एक हजार सैनिक खो चुके हैं. हाल के दिनों में सुविधाएं बेहतर होने के
बाद वहां जवानों की शहादत में कमी आई है, लेकिन एक भी सैनिक की शहादत से मैं परेशान हो जाता हूं.'
OROP पर बोले- हमने वादा पूरा किया
रक्षा मंत्री वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के मुद्दे पर भी बोले. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार और बीजेपी का वादा था और हमने उसे पूरा किया. पर्रिकर ने कहा,
'ओआरओपी के लिए सरकार को सालाना 7483 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे, जो यूपीए सरकार के बजट में बताई गई रकम से 15 गुना ज्यादा है.' पर्रिकर ने कहा कि
10980 करोड़ रुपये के एरियर का भुगतान चार किश्तों में किया जाएगा.
'एक फॉर्मूले से सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं'
ओआरओपी को लेकर चल रहे विरोध पर पर्रिकर ने कहा, 'एक फॉर्मूला सभी के लिए फिट नहीं हो सकता क्योंकि रिटायर्ड कमेटी बहुत बड़ी है. सरकार ने अपनी समझ के
मुताबिक इस मुद्दे का हल निकाला है और इस मुद्दे पर दोबारा भी विचार किया जा सकता है. हर व्यक्ति अदालत जाने के लिए भी स्वतंत्र है.'
कहा- अक्षय, कंगना से नहीं हुआ रक्षा मंत्रालय का करार
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह भी स्पष्ट किया कि बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार अौर अभिनेत्री कंगना रनोत 'इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू (आईएफआर)' के ब्रांड एंबेसडर नहीं
हैं. उन्होंने बताया कि इन दोनों कलाकारों के साथ इस बाबत कोई करार नहीं किया गया था और वे केवल एक समारोह के लिए आमंत्रित किए गए थे.
अक्षय और कंगना शुक्रवार को आईएनएस सतवाहन स्टेडियम में आयोजित आईएफआर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे. उनकी इस उपस्थिति के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे इस समारोह के ब्रांड एंबेसडर हैं. पर्रिकर ने कहा, ब्रांड एंबेसडर को ब्रांड बेचना होता है और वे ब्रांड एंबेसडर नहीं थे. वे केवल समारोह में आमंत्रित थे. उनके साथ रक्षा मंत्रालय का कोई करार नहीं हुआ है.'