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हमने हर क्षेत्र में काम किया है: शीला

दिल्ली में 10 साल से राज कर रहीं शीला दीक्षित को कांग्रेस ने इस बार भी भावी मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया है. इस बार महंगाई और आतंकवाद के मसले पर शीला सरकार बुरी तरह घिरती नजर आ रही है.  प्रस्‍तुत है शीला दीक्षित से बातचीत के मुख्‍य अंश.

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दिल्ली में 10 साल से राज कर रहीं शीला दीक्षित को कांग्रेस ने इस बार भी भावी मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया है. इस बार महंगाई और आतंकवाद के मसले पर शीला सरकार बुरी तरह घिरती नजर आ रही है.  प्रस्‍तुत है शीला दीक्षित से बातचीत के मुख्‍य अंश.

दस साल सरकार चलाने के बाद आप किन मुद्दों पर चुनाव में जा रही हैं?
विश्वास से, आत्मविश्वास से जा रहे हैं. हम अपोलोजेटिक नहीं हैं. हर क्षेत्र में काम किया है, शिक्षा हो, बुनियादी ढांचा हो, महिलाओं के अधिकार हों, सामाजिक न्याय हो. आज दिल्ली देश की सबसे संपन्न नगरी मानी जाती है.

अभी वातावरण केंद्र के खिलाफ दिख रहा है. इसका आपको नुक्सान नहीं होगा?

 आज तक के साप्‍ताहिक कार्यक्रम 'सीधी बात' में दिल्‍ली की वर्तमान मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित और भाजपा की ओर से घोषित मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार विजय मल्‍होत्रा से इंडिया टुडे के संपादक प्रभु चावला ने बात की.

देखिए, दिल्ली ही नहीं, देश के लोग मानते हैं कि जब राज्‍य में चुनाव होते हैं तो स्थानीय सरकार को परखा जाता है. इतना अंतर लोगों को पता है, और दिल्ली के लोगों को खास तौर से. (केंद्र और राज्‍य के) मुद्दे एकदम अलग हैं. दिल्ली की सरकार रोजमर्रा की सरकार है.

वर्ष 1998 में महंगाई बड़ा मुद्दा थी, भाजपा की सरकार गई. आज फिर महंगाई मुद्दा है, आपको नुक्सान नहीं होगा?
उस समय महंगाई थी. प्याज ही नहीं, नमक भी महंगा हो गया था. लेकिन हमने जहां-जहां भी कीमतें बढ़ी हैं, उससे निबटा है. अब सामान्य कीमत वृद्धि भी दूसरे शहरों से कम है.
 
भाजपा आरोप लगा रही है कि जो बसें चेन्नै में 16 लाख रु. में खरीदी गईं, आपकी सरकार ने 43 लाख रु. में खरीदीं?
उन्होंने 16 लाख रु. में खरीदी हैं? कहां खरीदी हैं? मुझे बता दें. वही लो-फ्लोर बसें, सीएनजी वाली, उसी कंपनी की 16 लाख रु. में मिल रही हों तो हमें बताएं कहां मिल रही हैं?

आतंकवाद और कानून-व्यवस्था का मामला चिंताजनक है.
मैं इतना ही कह सकती हूं और लोग जानते भी हैं कि कानून-व्यवस्था यानी पुलिस मेरे पास नहीं है. जब-जब कोई प्रकरण हुआ, तब-तब जाकर केंद्र सरकार को या उप-राज्‍यपाल को बताया है. आतंकवाद पूरे देश की समस्या है. हां दिल्ली बड़ा टॉरगेट है क्योंकि दिल्ली राजधानी है देश की. मेरी नहीं, सारे देश की राजधानी है. जिन राज्‍यों के अधीन पुलिस है, वे तो संभाल नहीं पा रहे हैं, और मुझे कहा जाता है. लेकिन केंद्र सरकार कर रही है, जैसा भी है.{mospagebreak}
जब आतंकवाद की बात आती है तो सवाल उठता है कि अफजल गुरु की दया याचिका को क्यों टाला जा रहा है?
नहीं, मेरा ख्याल है कि इसको टालने की बात नहीं है. ये फाइल है हमारे पास. लेकिन मैं इसके बारे में चर्चा नहीं करना चाहती हूं.
 
अभी कांग्रेस ने आपको अपना भावी मुख्यमंत्री नहीं घोषित किया है, ऐसा करती तो चुनावी लड़ाई में ज्‍यादा आत्मविश्वास नहीं आ जाता?
नहीं, ऐसा नहीं है. 1998 में मैं नहीं घोषित की गई थी, चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़े गए थे. 2003 में भी मैं नहीं घोषित की गई थी, पर चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़े गए थे. आज भी वही स्थिति है, मैं मुख्यमंत्री हूं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं, हम दोनों नेतृत्व करेंगे.

अनियमित कॉलोनियां नियमित करने के दावों को भाजपा ने छलावा कहा है.
ये छलावा ही होता तो हम इतना वक्त नहीं लगाते. मामला अटका हुआ है बहुत वर्षों से. यह अदालत में लटका था, नियोजन में अटका था और शहरी विकास मंत्रालय में अटका हुआ था. जब मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी और अदालत ने इजाजत दे दी तब हमने शुरू किया. मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसकी बुनियाद गैर-कानूनी हो.

कौन-सा बड़ा काम है जो तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर करना चाहती हैं?
यमुना की सफाई बड़ी चुनौती है जिसे हम ठीक से नहीं कर पाए. आने वाले तीनेक साल में पूरा कर लेंगे. दिल्ली की बढ़ती आबादी  समस्या है.

बढ़ती आबादी में बांग्लादेशी भी हैं. उन्हें हटाने की कोई योजना है?
ऐसी कोई योजना नहीं है. हम किसी को नहीं हटाते. सब जगह से लोग आते हैं. देश के कोने-कोने से आते हैं. बाहर से आते हैं, सीमा की समस्या है या क्या है, हम नहीं जानते, यह देश के लिए चुनौती है. लेकिन हम किसी को नहीं हटा सकते.

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