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भारत को चीन बनने की जरूरत नहीं, लोकतंत्र हमारे DNA में है: PM नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और अमेरिका इतिहास और संस्कृति के जरिये एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और आने वाले समय में वास्वतिक कूटनीतिक साझेदार हो सकते हैं. सीएनएन को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को चीन या चीन जैसा बनने की जरूरत नहीं है.

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PM Narendra Modi
PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और अमेरिका इतिहास और संस्कृति के जरिये एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और आने वाले समय में वास्वतिक कूटनीतिक साझेदार हो सकते हैं. सीएनएन को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को चीन जैसा बनने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारी बेशकीमती अमानत है और यह भारतीयों के डीएनए में है.

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'भारतीयों के टैलेंट पर भरोसा'
जब प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या भारत अगला चीन बन सकेगा या वैसी विकास दर हासिल कर सकेगा, उन्होंने कहा, 'यह युग एशिया का है. भारत और चीन जैसी ताकतों का युग है. भारत को चीन बनने की जरूरत नहीं है. मेरा मानना है कि भारतीयों के पास अपार प्रतिभा है. मुझे 121 करोड़ भारतीयों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है. भारतीयों के टैलेंट को सही दिशा देने का रोड मैप मेरे पास है.'

क्या पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में चीन के बर्ताव से भारत चिंतित है, पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की स्थितियां अलग हैं. अगर हम हर छोटी-मोटी चीज के बारे में चिंता करेंगे तो देश नहीं चला पाएंगे. पर यह भी सही है कि हम आंख बंद करके भी नहीं रह सकते. इस दौर में हर किसी को हर एक की मदद लेनी होगी. चीन भी आइसोलेशन में नहीं रह सकता.

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मोदी ने कहा कि विकास के लिए भारत कभी लोकतांत्रिक मूल्यों की बलि नहीं देगा. उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र विकास में बाधक है, यह कहना गलत है. लोकतंत्र हमारी अमानत है, जिससे हम समझौता नहीं कर सकते. वह हमारे डीएनए में है.'

भारतीयों-अमेरिकियों में सहअस्तित्व
क्या भारत और अमेरिका कभी वास्तविक कूटनीतिक गठबंधन बना सकेंगे, इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं कहूंगा हां. भारत और अमेरिका में काफी समानताएं हैं. अमेरिका के हर इलाके में भारतीय हैं. भारत और अमेरिका के नागरिकों में प्राकृतिक रूप से सहअस्तित्व की भावना है. संबंधों में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन भारत और अमेरिका इतिहास और संस्कृति के जरिये जुड़े हुए हैं.'

प्रधानमंत्री ने यूक्रेन विद्रोहियों के मलेशियाई विमान पर हमले की आलोचना की. उन्होंने कहा कि बेकसूर लोग विमान हादसे में मारे गए, यह इंसानियत के लिए बेहद खराब बात है. हम चाहते हैं कि बातचीत से मसले का हल निकाला जाए.

प्रधानमंत्री से देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर भी सवाल पूछा गया. उन्होंने कहा, 'महिलाओं की अस्मिता हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता. हम चाहते हैं कि नारी को समान समझा जाए और उसका गौरव बढ़े. इसका एक उपाय हो सकता है लड़कियों को शिक्षित करना. 15 अगस्त को मेरी सरकार ने 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' अभियान शुरू किया.'

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'भारत का मुसलमान देश के लिए जिएगा-मरेगा'
प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या अलकायदा भारत में पांव पसारने की कोशिशों में सफल होगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मेरी राय में वे भारत के मुसलमानों के साथ अन्याय कर रहे हैं. अगर अलकायदा को लगता है कि भारत का मुसलमान उनके इशारों पर नाचेगा, तो वो भ्रम में है. भारत का मुसलमान भारत के लिए जिएगा, भारत के लिए मरेगा.'

प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को मानवता के लिए संकट बताया. उन्होंने कहा, 'यह मानवता के लिए क्राइसिस है, एक देश या एक नस्ल के लिए नहीं. मानवता में यकीन रखने वाले सब लोगों को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा.'

'योग को बनाएं जीवन का हिस्सा'
121 करोड़ लोगों की उम्मीदों का भार उठाना निश्चित रूप से तनाव का काम होता है. जब प्रधानमंत्री से पूछा गया कि वह रिलैक्स कैसे करते हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं काम से ही रिलैक्स करता हूं. नए प्लान बनाता रहता हूं. लोगों को एक साथ लाकर ही मुझे आनंद महसूस होता है.इसके अलावा योग करता हूं. सबको सलाह दूंगा कि योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाइए. कई बार मन एक काम करता है और शरीर दूसरा. ऐसे में वक्त से उसका टकराव होता है. योग मन, शरीर और वक्त तीनों को सिनक्रनाइज करता है.'

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