राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को एक सभा में कहा कि विविधता का जश्न मनाया जाना चाहिए और किसी पर भी उसके अलग तरीके के पहनावे या पूजा करने की अलग पद्धति या अलग परम्परा के चलते अत्याचार नहीं होना चाहिए और उससे भेदभाव नहीं होना चाहिए.
संघ परिवार के प्रमुख मोहन भागवत ने पांचवें 'इंटरनेशनल कांफ्रेंस एंड गैदरिंग ऑफ एल्डर्स' को संबोधित करते हुए कहा, ‘विविधता का जश्न मनाया जाना चाहिए और इसका विरोध नहीं होना चाहिए.’ हाल के महीने में वह अपने संगठन से जुड़ी संस्थाओं की गतिविधियों के कारण आलोचनाओं की जद में आए थे, जिसमें धर्म परिवर्तन का विवाद भी शामिल था. हालांकि इस सभा में भागवत के सुर बिल्कुल बदले हुए थे.
सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र ने किया था जो आरएसएस से प्रभावित संगठन है. भागवत ने कहा, ‘किसी पर भी अत्याचार और उसका विरोध इस आधार पर नहीं होना चाहिए कि वह अलग कपड़े पहनता है या उसकी पूजा की पद्धति अलग है या उसकी परम्पराएं अलग हैं. इन सभी को एक साथ रहना चाहिए और उस सबको साथ लेकर चलने का मार्ग तलाशना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया एक ढांचा है और दुनिया की भलाई के लिए लोगों को एक साथ मिलकर रहना चाहिए.’
-इनपुट भाषा से