महाराष्ट्र में सरकार गठन का मामला और उलझ गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्यपाल से मिलकर कहा है कि वो महाराष्ट्र में अकेले सरकार नहीं बना सकती.
महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील अपने विधायकों के साथ बैठक की और उसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने राज्यपाल से कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में अकेले सरकार नहीं बना सकती. राज्यपाल से मुलाकात करने वालों में राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल थे.
Chandrakant Patil, Maharashtra BJP President: The mandate was given to us (BJP-Shiv Sena) to work together if Shiv Sena wants to disrespect it and form govt with Congress-NCP then all our best wishes are with them. pic.twitter.com/3vFUsunqlw
— ANI (@ANI) November 10, 2019
बीजेपी ने कहा, 'शिवसेना ने कहा कि जनादेश महायुती (गठबंधन) के लिए था और शिवसेना सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए हमने राज्यपाल को बताया है कि हम सरकार नहीं बना पाएंगे.'
राज्यपाल ने किया था आमंत्रित
असल में राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार शाम बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और पूछा कि क्या वह इसकी इच्छुक और इसमें सक्षम है. राज्यपाल ने यह कदम राज्य विधानसभा का कार्यकाल आधी रात को समाप्त होने से महज चार घंटा पहले उठाया था. बीजेपी हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
अपने रुख पर अड़ी शिवसेना
इस बीच, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों को संबोधित करते हुए इशारों में कहा कि इस बार सरकार हम ही बनाएंगे. उन्होंने कहा, 'हम अब और पालकी के वाहक नहीं होंगे, इस बार इस पालकी पर शिवसैनिक बैठेगा.' वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम राज्यपाल के निर्णय का स्वागत करते हैं..बीजेपी दावा कर रही है कि उसके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक हैं. उन्हें इसका फायदा उठाना चाहिए."
राजनीतिक संकट बरकरार
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपा था. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को समाप्त हो गया और नए चुनाव के बाद राज्य में अभी तक कोई सरकार गठित नहीं हो पाई है. चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने जीत हासिल की है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान के कारण राज्य में राजनीतिक संकट की स्थिति बरकार है.