कांग्रेस नेता और कर्नाटक के नवनियुक्त उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने बीजेपी पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कई सीटों पर ईवीएम से छेड़छाड़ की जिसके कारण कई सीटों पर मजबूत पकड़ के बाद भी कांग्रेस को हार झेलनी पड़ी. साथ ही उन्होंने कहा कि हम शुक्रवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट में पूर्ण बहुमत से पास होंगे.
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मुझे उपमुख्यमंत्री का पद इसलिए मिला क्योंकि मैं दलित हूं. यह एक महज संयोग है कि मैं दलित हूं.' उन्होंने कहा, 'हमारे कुछ नेताओं ने और खुद मैंने भी यह महसूस किया कि बीजेपी ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की है. कर्नाटक में कांग्रेस को कई ऐसी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा जहां पार्टी की पकड़ मजबूत थी. हम चुनाव आयोग में इसकी शिकायत करेंगे. साथ ही हमारा आग्रह है कि बैलेट पेपर से ही चुनाव कराया जाए.'
नहीं टूटेंगे हमारे विधायक, फ्लोर टेस्ट में होंगे पास: परमेश्वर
परमेश्वर ने कहा कि हमारी सीटों की संख्या कम रही लेकिन वोट प्रतिशत बीजेपी से ज्यादा रही. यह दर्शाता है कि कांग्रेस की कर्नाटक में अभी भी मजबूत पकड़ है और हम वापसी करेंगे. हमने जेडीएस के साथ अच्छी सरकार देने के मकसद से गठबंधन किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पहले ही कह चुके हैं कि हम मिलकर काम करेंगे. बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए हम इस गठबंधन को नहीं टूटने देंगे. क्योंकि पिछली बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार युक्त रही है. उन्होंने कहा कि हमने पांच साल तक चलने वाली स्थिर सरकार दी. साथ ही उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों का उत्थान होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल दोनों पार्टियों के अलग-अलग लक्ष्य हैं. हम उन मुद्दों पर फोकस करेंगे जो दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हों. कैबिनेट में किसे क्या मिलेगा इसका फैसला शुक्रवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट के बाद होगा. हमें पूरा भरोसा है कि हम फ्लोर टेस्ट में पूर्ण बहुमत से पास होंगे, हमारे विधायक नहीं टूटेंगे.
कांग्रेस से रमेश तो बीजेपी से सुरेश ने ठोकी विधानसभा अध्यक्ष की दावेदारी
परमेश्वर ने बताया कि कांग्रेस और जेडीएस की सर्वसम्मति से रमेश कुमार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है. सिद्धारमैया ने, 'मुझे पता चला है कि भाजपा ने भी नामांकन दाखिल किया है. मुझे उम्मीद है कि वे नामांकन वापस ले लेंगे. अगर चुनाव होता है तो रमेश कुमार की जीत सुनिश्चित है.'
विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर रमेश कुमार के कार्यकाल (1994 से 1999 तक) का जिक्र करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें अच्छे पीठासीन अधिकारी के रूप में जाना जाता है और उन्होंने तब सुचारू रूप से सदन की कार्यवाही चलाई थी. बता दें कि विपक्षी भाजपा ने वरिष्ठ नेता एस. सुरेश कुमार को कर्नाटक विधानसभा में अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है. विधानसभाध्यक्ष का चुनाव कल होगा.
भाजपा उम्मीदवार बोले मैं ही जीतूंगा
सुरेश कुमार ने कहा कि भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख बी. एस. येदियुरप्पा के और अन्य नेताओं के निर्देश पर उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया है. उन्होंने कहा, 'संख्या बल और कई अन्य कारकों के आधार पर हमारी पार्टी के नेताओं को विश्वास है कि मैं जीतूंगा. इसी विश्वास के साथ मैंने नामांकन दाखिल किया है.' यह पूछने पर कि भाजपा के केवल 104 विधायक हैं तो ऐसे में उनके जीतने की संभावना क्या है, सुरेश कुमार ने कहा, 'मैंने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. कल दोपहर सवा बारह बजे चुनाव है. चुनाव के बाद आपको परिणाम पता चल जाएगा.'
क्या होता है फ्लोर टेस्ट
राज्य में सत्तारुढ़ बीजेपी की सरकार को अब बहुमत साबित करना होगा. अमूमन राज्यपाल राज्य में सरकार बनाने वाली पार्टी को बहुमत साबित करने की बात तब कहते हैं जब उन्हें पता हो कि सरकार बनाने वाली पार्टी के पास पर्याप्त बहुमत नहीं हो.
फ्लोर टेस्ट के जरिए यह फैसला लिया जाता है कि वर्तमान सरकार या मुख्यमंत्री के पास पर्याप्त बहुमत है या नहीं. चुने हुए विधायक अपने मत के जरिए सरकार के भविष्य का फैसला करते हैं. फ्लोर टेस्ट सदन में चलने वाली एक पारदर्शी प्रक्रिया है और इसमें राज्यपाल का किसी भी तरह से कोई हस्तक्षेप नहीं होता. सत्ता पर काबिज पार्टी के लिए यह बेहद जरुरी होता है कि वह फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करे.
आपको बता दें कि कर्नाटक में 222 सीटों के लिए हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है. कर्नाटक में चले राजनीतिक ड्रामे में पहले राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिला दी थी. हालांकि, फ्लोर टेस्ट से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कांग्रेस के 78 और बहुजन समाज पार्टी के 1 विधायक के समर्थन से जेडीएस (37 विधायक) के कुमारस्वामी ने बुधवार को सीएम पद की शपथ ली.