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बेंगलुरु में एयरो इंडिया के पहले दिन बोले मोदी, रक्षा क्षेत्र में देंगे 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एशिया के सबसे बड़े एयर शो एयरो इंडिया-2015 के मौके पर बेंगलुरु के यलहंका पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और हम इसमें मेक इन इंडिया को बढ़ावा देंगे.

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पीएम मोदी
पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एशिया के सबसे बड़े एयर शो 'एयरो इंडिया-2015' के मौके पर बेंगलुरु के यलहंका पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और हम इसमें 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देंगे.

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पीएम मोदी ने कहा, 'रक्षा क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, देश में रक्षा उत्पादन को दोगुना करना है. 60 फीसदी रक्षा सामग्री बाहर से आती है, रक्षा क्षेत्र ने 24 फीसदी विदेशी निवेश खोला.'

उन्होंने कहा, 'हमें मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना होगा. आयात घटाने से रोजगार बढ़ेगा. हमने टेक्नॉलजी एंड डेवलपमेंट फंड बनाया है. हम निवेश और तकनीक को बढ़ावा देंगे. एक्सपोर्ट तकनीक को हमने सरल बनाया है. आगे के लिए हमें रोडमैप बनाना होगा.'

गौरतलब है कि बुधवार से एशिया का सबसे बड़ा एयर शो 'एयरो इंडिया - 2015' का आगाज हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु में भारतीय वायु सेना के यलहंका एयर स्टेशन पर इसका उद्घाटन करेंगे. पांच दिन तक चलने वाले इस एयर शो में दुनियाभर की 600 कंपनियां अपने एयरक्राफ्ट्स और रक्षा उपकरणों के साथ शामिल हो रही हैं.

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इनमें 300 कंपनियां भारत की हैं. रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाला डिफेंस एग्जीबिशन ऑर्गेनाइजेशन इसका आयोजन कर रहा है. भारत की ओर से 6 एयरोबेटिक टीम इस इवेंट में हिस्सा लेंगी, जिनमें अद्भुत नजारे पेश करने वाली सारंग एयरोबेटिक टीम भी होगी. भारतीय टीम में इसके अलावा एलसीएच, ध्रुव, सुखोई और टाइगर मोठ भी होंगी.

इस बार, 'एयरो इंडिया - 2015' की थीम है 'मेक इन इंडिया', जिसमें अमेरिकी स्पेशल फोर्स की एयरोबेटिक टीम के अलावा तीन और एयरोबेटिक टीमें भी शो में हिस्सा लेंगी. नौ देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ-साथ मिलिट्री चीफ भी इसमें हिस्सा लेंगे. इन सभी के साथ लगभग 300 कंपनियों के सीईओ भी प्रदर्शनी में शिरकत करेंगे.

अमेरिका के एफ-15 ईगल एयरक्राफ्ट भी शो में शामिल होंगे, लेकिन रूस का कोई भी सैन्य विमान हिस्सा नहीं ले रहा है. भारतीय वायुसेना के सुखोई विमान (जो रूस में निर्मित हैं) भी हिस्सा लेंगे.

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